केंद्र सरकार, लगातार राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण कर रही है वही शीतकालीन सत्र में 2 राष्ट्रीय कृत बैंक के निजीकरण करने की योजना सरकार द्वारा बनाई गई है। जिसके विरोध में यूनाइटेड फोरम बैंक यूनियन के बैनर तले विभिन्न बैंकों के अधिकारियों कर्मचारी ने गुरुवार से 2 दिन की हड़ताल शुरू कर दी है बैंक अधिकारियों कर्मचारियों के 9 संगठनों द्वारा शुरू की गई।
हड़ताल का बालाघाट जिले में व्यापक असर देखा गया जहां हड़ताल के चलते बालाघाट जिले की 350 ब्रांच में ताले लटके नजर आए वही बैंकिंग कार्य के लिए बैंक पहुंचने वाले ग्राहकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बैंकों के निजीकरण के विरोध में विभिन्न बैंक कर्मचारी अधिकारी कर्मचारी गुरुवार की सुबह गोंदिया रोड स्थित सेंट्रल बैंक में एकत्र हुए जहां उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए बैंकों के किए जा रहे निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की वहीं उन्होंने बैंकों के निजीकरण के नुकसान बताते हुए उन्होंने बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 को वापस लिए जाने का आग्रह किया इस दौरान हड़ताल पर गए अधिकारियों कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया कि यदि सरकार इस 2 दिवसीय हड़ताल के बाद भी बैंक संगठनों की इस मांग को पूरा नहीं करती और बैंकों का निजीकरण नहीं रोका जाता तो समस्त संगठनों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बैंकों में ताले जड़ सभी अधिकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे
इसी तरह लालबर्रा नगर मुख्यालय में स्थित शासकीय बैंक भारतीय स्टेट बैंक व सैंट्रल बैंक के कर्मचारी १६ दिसंबर से राष्ट्रीकृत बैंकों के निजीकरण के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल पर चले गये है जिसके चलते बैंक में ताला जड़ा रहा।
बैंक बंद होने के कारण क्षेत्र से पहुंचे भारतीय स्टेट बैंक, सैंट्रल बैंक सहित अन्य शासकीय बैंकों के उपभोक्ता जब बैंक पर रूपये निकाले, जमा करने, पेंशन की राशि निकालने व बैंक पासबुक एन्ट्री करवाने, खाते खुलवाने सहित अन्य बैंकिंग कार्य के लिए बैंक पहुंचे तो बैंकों में ताला लगा पाया किन्तु हड़ताल पर चले जाने संबंधित किसी प्रकार की सूचना नही लगाई गई थी जिससे बैंकिग उपभोक्ताओं को बिना कार्य निपटाये बैरंग वापस होना पड़ा।










































