बैहर जिला बनाओ संघर्ष के माध्यम से बैहर, बिरसा और परसवाड़ा तहसील की जनता लगभग 30 वर्षो से बैहर को जिला बनाने की मांग मध्यप्रदेश सरकार से कर रही है। बैहर जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एवम क्षेत्र वासियों के द्वारा 30 वर्षों के अंतराल में अनेकों आन्दोलन – प्रदर्शन एवम रैली निकाल कर प्रशानिक अधिकारियों के माध्यम से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर बैहर को जिला बनाने की मांग की जा रही है। किन्तु मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बैहर से भी छोटी से छोटी तहसील को जिला बना दिया गया लेकिन बैहर को जिला नही बनाया गया। अभी हाल ही में सरकार द्वारा मात्र एक तहसील और एक उप तहसील को जोड़कर पांढुरना को जिला बनाया है। जबकि बैहर पांढुरना से 10 गुना बड़ा है और हर दृष्टि में जिला बनाए जाने योग्य है फिर भी बैहर को जिला नही बनाया जा रहा है। जिससे बैहर, बिरसा एवम परसवाड़ा तहसील क्षेत्र की आक्रोशित जनता ने 2 सितम्बर को बैहर के गोंडवाना भवन में बैठक लेकर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है की यदि सरकार माह सितम्बर में चुनाव के पूर्व बैहर को जिला नही बनाती तो तीनों तहसील के मतदाता चुनाव का बहिष्कार करेगें।
जिला बनाने की मांग को लेकर सौपा ज्ञापन
जहां आयोजित इस बैठक के बाद बैहर को जिला बनाने की मांग को लेकर बैहर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री , केंद्रीय चुनाव आयोग भारत सरकार एवम महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा राज्य चुनाव आयोग मध्यप्रदेश शासन के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में लिखा है की बैहर अंग्रेजों के समय बनाई गई 1867 की तहसील है। जो 155 वर्ष पुरानी तहसील है। जिला नही बनने के कारण बहुत ही पिछड़ा है। यह तहसील आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। इस क्षेत्र में गोंड एवम राष्ट्रीय मानव कहे जाने वाले बैगा जन जाति के लोग निवास करते हैं। यह क्षेत्र जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है जिससे यह क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र है। बैहर जिला नही होने से इस क्षेत्र में धीरे – धीरे नक्सलाइट अपना पैर पसार रहें हैं। इस क्षेत्र के अंतिम गांव से जिला मुख्यालय की दूरी 160 से 165 किलो मीटर है। जिला मुख्यालय की दूरी अधिक होने के कारण जंगलों और पहाड़ों से गुजर कर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। जिससे जंगली जानवरों औऱ नक्सलाईटो का भय बना रहता है। यह क्षेत्र वन सम्पदा, खनिज सम्पदा, एवम प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है साथ ही एशिया की सबसे प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क जो की बैहर से मात्र 15 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। जिससे सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपियों की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। किन्तु बैहर जिला नही होने के कारण यहां का राजस्व इस क्षेत्र में ना लगाते हुवे दूसरे क्षेत्र में लगाया जाता है। जिससे यह क्षेत्र विकास की दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ है। बैहर जिला नही होने से इस क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा, और न्याय पाने के लिए बालाघाट जिला मुख्यालय जाना पड़ता है जो 160 किलो मीटर दूर है। हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने बैहर से भी छोटी से छोटी तहसील को जिला का दर्जा दिया है जबकि बैहर में तीन तहसील हैं, तीन उप तहसील हैं, दो विधान सभा है, तीन जनपद है, दो नगर पालिका है, 172 ग्राम पंचायत है,437 राजस्व ग्राम है, 88 वन ग्राम है, 22 वीरान ग्राम है, बैहर 2 लाख 51 हजार 571 हेक्टेयर भूमि में बसा है। पूरे देश में राष्ट्रीय मानव का दर्जा प्राप्त बैगा जन जाति के लोग इसी तहसील में निवास करते हैं जिनकी संख्या लगभग 30 हजार है जो 190 गांव में निवास करते हैं। बैहर क्षेत्र की जनसंख्या लगभग 10 लाख के करीब है। ये सारी जानकारी शासन – प्रशासन को अनेकों बार देने के पश्चात भी सरकार द्वारा बैहर को जिला नही बनाया जाना बैहर क्षेत्र वासियों के साथ अत्याचार किया जा रहा है। बैहर जिला बनाओ संघर्ष समिति के माध्यम से विगत 30 वर्षो से बैहर को जिला बनाने की मांग सरकार से की जा रही है। किन्तु सरकार का ध्यान बैहर को जिला बनाने में नही है। इसलिए बैठक में ठोस निर्णय लेते हुवे सरकार को बैहर एस. डी.एम. के माध्यम से ज्ञापन देकर चेतावनी दी गई है की यदि माह सितम्बर में विधान सभा चुनाव के पूर्व बैहर को जिला नही बनाया जाता है तो बैहर, बिरसा एवम परसवाड़ा तीनो तहसील में चुनाव का बहिष्कार किया जायेगा साथ ही 23 सितम्बर दिन शनिवार को सम्पूर्ण क्षेत्र बन्द का लिया गया है निर्णय जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी मध्यप्रदेश सरकार की होगी। बैठक में जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक – सूरज ब्रम्हे, एफ. एस.कमलेश – अध्यक्ष , उपाध्यक्ष – मंसाराम मडावी, संरक्षक बैराग सिंह टेकाम , भगसराम साहू , युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष – रवि सोनी, दिलिप भगत – महामंत्री, परसवाड़ा जनपद अध्यक्ष सम्मल सिंह धुर्वे, साजन दास बोरकर – उपाध्यक्ष, मनोज सय्यामा – महामंत्री , समाज सेवी अशोक मसीह,सरपंच संघ के अध्यक्ष शिवलाल सय्यैम , उपाध्यक्ष बी.मेरावी, डी . एस.मेरवी , युवा प्रकोष्ठ से शुभम उईके, एवं सैकड़ों पदाधिकारी सरपंच जनपद सदस्य , एवम जिला पंचायत उपस्थित रहे