ब्रिटिश काल में बने स्कूल की हालत जर्जर

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शासन ने स्कूल तो खोल दिये मगर आज भी उन स्कूलो में पढऩे वाले बच्चो को पर्याप्त सुविधा नही मिल पा रही है। आज भी कुछ स्कूल ऐसे है जिनकी इमारत करीब १४० वर्ष से ज्यादा की है जो काफी जर्जर अवस्था में होने के कारण कभी भी धराशाही हो सकती है। गौरतलब है कि ब्रिटिश शासनकाल में बने प्रायमरी स्कूल व माध्यमिक स्कूल का जीर्णोध्दार नही हुआ है। जिसकी वजह से इनकी इमारत काफी जर्जर अवस्था में हो गई है। वही राज्य शासन इन स्कूलों के जीर्णोध्दार के लिये कोई कदम भी नही उठा रहा है। इसी तरह का एक मामला ग्राम पंचायत स्थित मेहंदीवाड़ा शासकीय प्राथमिक बालक शाला का सामने प्रकाश में आया है। जहां बरसात के मौसम में बच्चे गिरते पानी में अध्ययन कर रहे है।
फोटो लता

१८८५ में हुआ है स्कूल का निर्माण – लता दुबे

पदम्मेश को जानकारी देते हुये प्रधान पाठिका श्रीमती लता दुबे ने पदम्मेश को बताया कि इस शासकीय स्कूल का निर्माण १८८५ में हुआ है। बारिश अगर होती है तो हम लोग बॉल्टी या अन्य पात्र को रखकर अपने पठन पाठन कार्य को निरंतर जारी रखते है। स्कूल काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में है। हमने इसकी सूचना पंचायत व बीआरसी कार्यालय को पूर्व में ही दे चुकी है। मगर ज्यादा बारिश के दौरान स्कूल की इमारत कभी भी धराशाही हो सकती है। हम शासन प्रशासन से यह मांग करते है कि शीघ्र ही इस शासकीय प्राथमिक बालक शाला का जीर्णोध्दार किया जाये। बोर की मोटर भी जली प्रधान पाठिका श्रीमती दुबे ने बताया कि स्कूल परिसर के सामने हुये बोर की मोटर भी काफी लंबे समय से जली हुई है। जिसकी शिकायत भी हमारे द्वारा की गई है। मगर अभी तक इस मोटर का सुधार कार्य भी न तो ग्राम पंचायत ने कराया है और ना ही शिक्षा विभाग ने जिसकी वजह से मध्यान्ह भोजन बनाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वही बच्चे भी अपने घर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे है।

इम भी चाहते है कि स्कूल का हो जीर्णोध्दार – युवराज बिसेन

वही ग्राम पंचायत सचिव युवराज बिसेन ने पदम्मेश को बताया कि हम भी चाहते है कि स्कूल की इतनी पुरानी बिल्डिींग का जीर्णोध्दार होना चाहिये साथ ही नई इमारत बननी चाहिये। हमारे को स्कूल की तरफ से एक पत्र भी पूर्व समय प्राप्त हुआ था। जिसे हमने अपने पत्र के साथ सलग्ंन कर ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक कार्यालय को प्रेषित कर दिया है। हम यह भी जानते है कि उस इमारत में करीब १४-१५ बच्चे पढ़ते है। इमारत का जीर्णोध्दार होना अति आवश्यक हो गया है।

इनका कहना है – इस मामले में ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक सतेन्द्र शरणागत ने दूरभाष पर पदम्मेश को बताया कि उन्हे पूर्व समय आवेदन स्कूल के जीर्णोध्दार के लिये प्राप्त हुआ था। अब जानकारी लग रही है कि स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के कक्ष में पानी टपक रहा है। इस स्कूल के जीर्णोध्दार के लिये हमने अपने वरिष्ठ अधिकारियो को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है। सतेन्द्र शरणागत
बाईट लता दुबे प्रधान पाठक
युवराज बिसेन सचिव

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