ब्रिटेन में क्रिसमस पर सबसे बड़ी हड़ताल, यात्री परेशान:दिसंबर में रेल और एयरपोर्ट सेवाएं होंगी बाधित, टूरिज्म पर पड़ेगा असर

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ब्रिटेन में बीते 30 साल की सबसे बड़ी हड़ताल होने जा रही है। इसमें बस, रेलवे, एयरपोर्ट, एंबुलेंस, नर्सिंग और पोस्टल स्टाफ समेत कई विभागों के दो लाख से ज्यादा कर्मचारी शामिल होंगे। खास बात ये है कि ये महाहड़ताल क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान हो रही है। इस कारण ब्रिटेन आने वाले टूरिस्ट को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्रिसमस के दौरान यहां के टूरिज्म में खासा उछाल आता है, लेकिन इस बार कुछ खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा।

सड़कों पर जगमगाहट की बजाय भीड़ है, जो महंगाई की मार झेल रही है। हर विभाग के कर्मचारियों की अलग मांग हैं, लेकिन सबकी समान मांग वेतन में बढ़ोतरी की है। कर्मचारियों का कहना है कि जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ रही है, उस गति से हमारी सैलरी नहीं बढ़ रही। ब्रिटेन में महंगाई दर 11.1% है, जबकि नर्सिंग स्टाफ के वेतन में 4.75% की ही वृद्धि हुई है। एंबुलेंस स्टाफ के वेतन में 4% की बढ़ोतरी हुई। पोस्टल के कर्मचारियों को 9% वेतन वृद्धि का ऑफर दिया, लेकिन उन्होंने ये कहकर ठुकरा दिया कि वेतन वृद्धि अभी भी महंगाई दर से कम है।

40 हजार रेलवे कर्मचारी करेंगे हड़ताल
हड़ताल की शुरुआत 7 दिसंबर को टीचर्स के काम बंद करने के साथ हुई। उनकी मांग है कि सैलरी बढ़ाने के साथ-साथ पेंशन भी बढ़ाई जाए। 23 से 26 दिसंबर और 28 और 31 दिसंबर को एयरपोर्ट स्टाफ गैटविक, हीथ्रो, मैनचेस्टर, बर्मिंघम, ग्लासगो और कार्डिफ में हड़ताल पर होगा। 8 दिन चलने वाली इस हड़ताल के प्रभाव से बचने के लिए सरकार ने एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर सेना को तैनात करने का फैसला किया है, ताकि कर्मचारियों की जगह सैनिक काम कर सकें।

ब्रिटेन के करीब 40 हजार रेलवे कर्मचारी 13 से 17 दिसंबर के बीच हड़ताल पर रहेंगे। इससे ब्रिटेन की 50% रेल सर्विस प्रभावित होने की आशंका है। 15 और 20 दिसंबर को करीब 1 लाख नर्सें हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रही हैं, हालांकि अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। इप्सोस के नामक संस्था के सर्वे में सामने आया कि 59% ब्रिटिश जनता नर्सों की हड़ताल का समर्थन करती है। 10 हजार एंबुलेंस कर्मचारी भी 21 और 28 दिसंबर को हड़ताल पर बैठेंगे। इससे पहले इतने बड़े स्तर पर करीब 30 साल पहले यानी साल 1989 में हड़ताल हुई थी। ये भी एंबुलेंस स्टाफ द्वारा वेतन बढ़ोतरी के लिए ही की गई थी।

सुनक के सामने बड़ी चुनौती, लोकप्रियता भी घटी
भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के सामने बड़ी चुनौती है। ब्रिटेन में टैक्स दरें बढ़ती जा रही हैं। लेकिन सुनक के हिसाब से ये फैसला सही है। लोगों को इसी बात से दिक्कत है कि वेतन पहले से कम है तो अधिक टैक्स कैसे दें, इसी कारण सुनक की लोकप्रियता घटती जा रही है।

उपाय: यात्रियों को दिक्कत से बचाने के लिए बिल लाए
सदन में हड़ताल के दौरान यात्रियों को होने वाली परेशानियों के देखते हुए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक बिल भी पेश किया है। परिवहन सचिव मार्क हार्पर ने कहा कि इस बिल से भविष्य में हड़ताल के दौरान यात्रियों को फायदा होगा। उनके लिए कुछ न्यूनतम सुविधाएं जारी रहेंगी।

संकेत: अवैध ढंग से काम बंद किया तो सख्ती करेंगे
पीएम सुनक ने कहा कि यदि यूनियन के नेता अनुचित कदम उठाएंगे, तो ये मेरा कर्तव्य है कि मैं लोगों की जान बचाने के लिए उन पर कार्रवाई करूं। दूसरी ओर, ट्रेड यूनियन जीएमबी के नेता रेचल हैरिसन ने कहा कि हम मजबूरी में हड़ताल कर रहे हैं। सरकार ने कोई और विकल्प नहीं छोड़ा।

हालात: पूर्व में काम बंदी सफल रही थी
अक्टूबर में ही आपराधिक मामलों के वकीलों का वेतन 15% बढ़ा था। इससे पहले उन्होंने इसके लिए हड़ताल की थी। इसे देखते हुए अन्य विभाग के कर्मचारी भी हड़ताल के लिए प्रेरित हुए।

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