बढ़ते कोरोना पर अमेरिकी एक्सपर्ट्स की चीन को सलाह:संक्रमण को लेकर ट्रांसपेरेंसी रखें, भारतीय नागरिक विदेश यात्रा से बचें

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चीन में कोरोना मामले में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हालत इतनी बदतर है कि जहां देखो लाशें ही लाशें दिख रही हैं। अगले कुछ महीनों में 21 लाख मौतों की आशंका है। मामले में भास्कर ने कोविड आरएक्स एक्सचेंज के फाउंडर शशांक हेडा से बातचीत की। उनसे सवाल पूछे कि चीन में बढ़ रहे मामलों से भारत और बाकी देशों में क्या प्रभाव पड़ेगा?

शशांक ने कहा कि चीन को कोरोना को लेकर ट्रांसपेरेंसी रखना होगा। उसे WHO को बताना होगा कि उसके देश में कौन सा वैरिएंट फैल रहा है? यह कितना घातक है और इससे कितनी मौतें हो रही हैं।

सवाल- चीन में बढ़ रहे मामले किन चीजों पर निर्भर करते हैं?
जवाब- चीन में बढ़ रहे मामले कई चीजों पर निर्भर करते हैं। सबसे पहला कि उसका वैरिएंट कौन सा है और इसके क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं। दूसरा कि लोगों की इम्यूनिटी कितनी पॉवरफुल है और उन्हें वैक्सीन के कितने डोज लग चुके हैं। इन सभी फैक्टर्स पर रिव्यू होना चाहिए। बढ़ते मामलों को रोकने में यह कारगर साबित होगा।

सवाल- चीन को कोरोना रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब- सबसे पहले चीन को कोरोना को लेकर ट्रांसपेरेंसी रखना होगा। उसे WHO को बताना होगा कि उसके देश में कौन सा वैरिएंट फैल रहा है? यह कितना घातक है और इससे कितनी मौतें हो रही हैं।

सवाल- चीन में बढ़ते मामलों से भारत में क्या असर होगा?
जवाब- भारत में कोरोना को लेकर काफी जागरूकता है। अगर मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो देश में वैक्सीनेशन परसेंटेज बढ़िया है। बूस्टर डोज नए वैरिएंट का मुकाबला कर सकती है। हालांकि, कोई ऐसा वैरिएंट आता है जिस पर इन वैक्सीन का असर नहीं होता तो हालात बहुत ही खतरनाक हो सकते हैं।

सवाल- चीन को अब क्या करना चाहिए?
जवाब- चीन हमेशा से ही कोरोना के आकंड़े और उसकी जानकारियां छुपाता रहा है। ऐसे में सबसे जरूरी है कि उसे इसको लेकर सही जानकारियां उपलब्ध करवाना चाहिए। इसके अलावा चीन की जिम्मेदारी है कि वह नए वैरिएंट को लेकर ज्यादा से ज्यादा जांच करे और उसे रोकने का प्रयास करे।

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