- भय्यू महाराज आत्महत्या केस के अहम गवाह कैलाश पाटिल ने कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर बयान दर्ज कराए हैं। उसने स्वीकारा कि उसने पंजीयक लोक न्यास इंदौर के समक्ष उपस्थित होकर महाराज की पत्नी आयुषी को ट्रस्टी बनाए जाने के संबंध में आपत्ति दर्ज कराई थी। इस गवाह ने कोर्ट में यह भी कहा कि महाराज की मौत संदिग्ध थी। महाराज के अनुयायी चाहते थे कि मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी जाए और इस संबंध में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी भी कर ली थी। ऐसे में ट्रस्टी में किसी तरह का परिवर्तन किया जाता तो जांच प्रभावित हो सकती थी। पाटिल के बयान अधूरे रहे हैं। कोर्ट ने उसे 3 अप्रैल को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने को कहा है।
भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में अब तक दो दर्जन के लगभग गवाहों के बयान हो चुके हैं। महाराज का सेवादार रहा कैलाश पाटिल कोर्ट द्वारा बार-बार तलब किए जाने के बावजूद उपस्थित नहीं हो रहा था। हाल ही में 26 मार्च को वह दोपहर बार न्यायालय में उपस्थित हुआ। अभियोजन की तरफ से उसका प्रतिपरीक्षण किया गया। गवाह ने स्वीकारा कि उसी ने महाराज की पत्नी आयुषी को ट्रस्टी बनाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। करीब एक घंटे तक गवाही चली। न्यायालय का समय समाप्त होने की वजह से गवाह को अगली सुनवाई पर तलब किया गया है।
यह है मामला
भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को कनपट्टी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने अलग-अलग बिंदुओं पर जांच के बाद महाराज की मौत के करीब 6 महीने बाद महाराज के तीन सेवादारों को उन्हें आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपित इसके बाद से जेल में हैं।










































