आदिवासी न्याय यात्रा में पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि भाजपा सरकार में आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है। लगातार उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। 300 किलोमीटर पदयात्रा करके विधायक भोपाल पहुंचे पर उन्हें अपनी बात राज्यपाल तक पहुंचाने नहीं दिया जा रहा है। पूरा प्रदेश यह देख रहा है और आने वाले समय में सरकार को इसका जवाब भी देंगे। मालूम हो कि धार जिले की धरमपुरी विधानसभा से कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा कारम बांध क्षेत्र से 300 किलोमीटर आदिवासी न्याय यात्रा निकालकर गुरुवार को भोपाल पहुंचे। लालघाटी चौराहे पर उनके पहुंचने से पहले पुलिस ने एक तरफ का रास्ता बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया था। मेड़ा अन्य विधायकों के साथ यहां धरने पर बैठ गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ भी इसमें शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासियों के हितों की अनदेखी कर रही है। यह उसे भारी पड़ेगा। हम चुप नहीं बैठेंगे। करीब दो घंटे के धरने के बाद पुलिस ने आंदोलनरत विधायक सहित अन्य कार्यकर्ताओं को विधि विरुद्ध कार्य करने और रास्ता रोकने के मामले में गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें कुछ देर बाद छोड़ भी दिया गया। मेड़ा कारम बांध के निर्माण में हुई अनियमितता और आदिवासियों के विस्थापन का मुद्दा काफी समय से उठा रहे हैं। उन्होंने 21 सितंबर को कारम बांध क्षेत्र से आदिवासी न्याय यात्रा प्रारंभ की थी। वे राज्यपाल मंगुभाई पटेल को ज्ञापन सौंपने वाले थे, लेकिन पुलिस ने लालघाटी चौराहे से उन्हें आगे ही नहीं बढ़ने दिया। मेड़ा अपने सहयोगियों के साथ धरने पर बैठ गए और काफी देर तक नारेबाजी होती रही। कमल नाथ भी पहुंचे और वे भी धरने पर बैठ गए। जब वे नहीं माने और पुलिस ने सख्ती की तो प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष डा. विक्रांत भूरिया, विधायक पांचीलाल मेड़ा, प्रताप ग्रेवाल, अशोक मर्सकोले सहित अन्य बैरिकेड लांघने की कोशिश करने लगे। झूमा-झटकी में मेड़ा का कुर्ता फट गया। इसके बाद विधायक सहित अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया।