भारत और अमेरिका में हुई बड़ी रक्षा डील, आपूर्ति सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर, जानें कैसे मिलेगा फायदा

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 अमेरिका और भारत ने आपूर्ति सुरक्षा व्यवस्था (सिक्योरिटी ऑफ सप्लाई अरेंजमेंट) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौता अमेरिकी रक्षा विभाग (डीओडी) और भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरान 22 अगस्त को हुआ है। ये समझौता द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को बढ़ावा देते हुए दोनों देशों को राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक दूसरे से आवश्यक औद्योगिक संसाधन प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। अमरीकी रक्षा विभाग ने कहा कि इस समझौते से अमरीका और भारत राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रोत्साहन देने वाली वस्तुओं और सेवाओं के लिए आपसी सहायता प्रदान करने पर सहमत हैं। यह सौदा संकट के समय काफी अहम हो जात है, जब किसी देश की तत्काल जरूरतें होती है। समझौता अब दीर्घकालिक आपूर्ति श्रृंखला स्थिरता को बढ़ावा देगा।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि वॉशिंगटन डीसी में दो महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। आपूर्ति सुरक्षा व्यवस्था (एसओएसए) के जरिए अमेरिका और भारत राष्ट्रीय रक्षा को बढ़ावा देने वाली वस्तुओं और सेवाओं के लिए पारस्परिक प्राथमिकता समर्थन देने के लिए सहमत हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग (डीओडी) ने अपने बयान में कहा कि आपूर्ति सुरक्षा व्यवस्था दोनों देशों के रक्षा संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही यह अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) को मजबूत करने में भी अहम रोल निभाएगी।


दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा समझौता

इस समझौते के मुताबिक, अमेरिका रक्षा प्राथमिकता और आवंटन प्रणाली (डीपीएएस) के तहत भारत को आश्वासन प्रदान करेगा। इसके बदले में भारत औद्योगिक आधार के साथ एक तंत्र स्थापित करेगा। ये समझौते शांतिकाल, आपात स्थितियों और सशस्त्र संघर्षों में आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रक्रिया स्थापित करता है। ये समझौता रक्षा विभाग को उस देश की कंपनियों से अनुबंध करने में सक्षम बनाता है, जिसके साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते में एक प्रतिबद्धता है जो दोनों पक्षों को जरूरत पड़ने पर महत्वपूर्ण आपूर्ति, खनिजों और प्रौद्योगिकियों तक अधिक तेजी से पहुंच प्रदान करती है।

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