अफगानिस्तान के ताजा हालात ने दुनिया भर के देशों की चिंता बढ़ा दी है। इसी के मद्देनजर मंगलवार को ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रुस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अहम बैठक हुई। भारत से NSA अजित डोभाल ने ब्रिक्स देशों की इस बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मुख्य तौर पर अफगानिस्तान, ईरान, पश्चिम एशिया और खाड़ी में वर्तमान हालात और साइबर सुरक्षा जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों के संदर्भ में चर्चा की गई। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने बैठक के दौरान सीमा पार आतंकवाद और लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे समूहों की गतिविधियों का मुद्दा उठाया, जिन्हें देश-विशेष का समर्थन प्राप्त है और जो शांति व सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की गई। इस दौरान प्रतिनिधियों ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन द्वारा विचार के लिए ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान को रखा और इसे लेकर सिफारिश की।इसके अलावा साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सूचनाओं और सर्वोत्तम एक्शन प्लान के आदान-प्रदान पर सहमति बनी। वहीं साइबर क्राइम का मुकाबला करने और क्षमता निर्माण द्वारा आपस में सहयोग बढ़ाने के संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने पर सहमति हुई।
उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के एक हफ्ते बाद यह बैठक हुई। बैठक में रूसी एनएसए जनरल पेत्रुशेव, चीनी पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेइची, ब्राजील के सुरक्षा अधिकारी जनरल ऑगस्टो हेलेना रिबेरो परेरा और दक्षिण अफ्रीका के उप राज्य सुरक्षा मंत्री नसेडिसो गुडएनफ कोडवा ने भाग लिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने में ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच गहरे सहयोग के लिए दृढ़ता से प्रयास करता रहा है।