भारत को धमकाने वाले लिंडसे ग्राहम कौन हैं? भारतीय इकॉनमी को तहस-नहस करने की धमकी, बोले- ट्रंप आपसे थक चुके

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वॉशिंगटन: अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है। ग्राहम ने बेहद सख्त भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि अगर भारत ने रूस से तेल लेना बंद नहीं किया तो उसकी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उन देशों पर भारी टैरिफ लगाएंगे जो रूस से तेल आयात कर रहे हैं। खासतौर से भारत, चीन और ब्राजील का नाम उन्होंने लिया है। ग्राहम ने पहली बार भारत को धमकी नहीं दी है। बीते काफी समय से वह इस तरह की धमकीभरी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में ससंद में बिल लाने की बात भी कही है।

लिंडसे ग्राहम ने फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘ट्रंप उन देशों पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं, जो रूसी तेल खरीदते हैं। ये चीन, भारत और ब्राजील हैं। ये तीनों देश रूस के कच्चे तेल के 80 प्रतिशत हिस्से का निर्यात कर रहे हैं। इससे रूस को यूक्रेन के खिलाफ अपनी जंग जारी रखने में मदद मिल रही है।

‘चीन, भारत, ब्राजील को चेतावनी है’

ग्राहम ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मिलने वाली वित्तीय सहायता बंद करने के लिए इन देशों से तेल संबंधी आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। यह इन देशों के लिए पुतिन की मदद करने की सजा होगी। इसके साथ-साथ यह टैरिफ दूसरे देशों के लिए भी एक चेतावनी होगी।’ ग्राहम ने आगे कहा, ‘मैं चीन, भारत और ब्राजील से कहूंगा कि आप सस्ता रूसी तेल खरीदते रहेंगे तो हम आपकी अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर देंगे। आप जो कर रहे हैं, उससे मिल रहे पैसे से पुतिन खून बहा रहे हैं। आप दुनिया की कीमत पर सस्ता रूसी तेल खरीद रहे हैं और राष्ट्रपति ट्रंप इससे थक चुके हैं। चीन, भारत और ब्राजील को अमेरिकी अर्थव्यवस्था या पुतिन की मदद करने के बीच चुनाव करना होगा। मुझे उम्मीद है कि वे अमेरिका को चुनेंगे।’

कौन हैं लिंडसे ग्राहम

लिंडसे ग्राहम डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के नेता और अमेरिकी सीनेटर हैं। वह 2002 में अमेरिकी सीनेट के लिए चुने गए। उन्हें 2008 , 2014 और 2020 में फिर से चुना गया। ग्राहम ने 2019 से 2021 तक न्यायपालिका पर सीनेट समिति की अध्यक्षता कर चुके हैं। ग्राहम राजनीति में आने से पहले अमेरिकी एयरफोर्स और वकालत के क्षेत्र में भी काम कर चुके हैं।

ग्राहम ने 2015 में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी से नामांकन की कोशिश भी की थी लेकिन 2016 के रिपब्लिकन प्राइमरी शुरू होने से पहले ही उन्होंने नामांकन वापस ले लिया। वह डोनाल्ड ट्रंप की 2016 की उम्मीदवारी के मुखर आलोचक थे। हालांकि मार्च 2017 में ट्रंप के साथ मुलाकात के बाद ग्राहम उनके मजबूत सहयोगी बन गए हैं।

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