संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की राजदूत रुचिरा कम्बोज ने कहा भारत को, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा काली सूची में डाले जाने के बावजूद अपराधियों को पड़ोसी देश में सरकारी अतिथि सत्कार मिलने की पूरी जानकारी है। यह बात कहकर उन्होंने डी कंपनी के प्रमुख दाऊद इब्राहिम की ओर इशारा किया, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह पाकिस्तान के कराची शहर में रह रहा है। वह कई अवैध धंधों में लिप्त है तथा 1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद वह भारत का सबसे वांछित आतंकवादी बन गया है।
चीन की अध्यक्षता में, आतंकवादी कृत्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा कोके खतरे विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कम्बोज ने कहा कि आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच जो संबंध है उससे निपटने की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि कम्बोज ने कहा आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच संबंधों से निपटने की जरूरत है। भारत में, हमें आपराधिक गिरोहों के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के तहत काली सूची में आने के बावजूद पड़ोसी देश में सरकारी आतिथ्य पाने का प्रत्यक्ष अनुभव है।
उन्होंने कहा जब आतंकवाद का खतरा प्रत्येक देश पर मंडरा रहा है तब ऐसे पाखंड से मिलकर लड़ने की आवश्यकता है।
पाकिस्तान ने अगस्त 2020 में पहली बार अपने देश में दाऊद की मौजूदगी की बात स्वीकार की थी। अमेरिका ने 2003 में दाऊद को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था। भारत लगातार पाकिस्तान सरकार से दाऊद को उसे सौंपने के लिए कहता रहा है, ताकि उस पर मुकदमा चलाया जा सके। खबर हैं कि वह इस समय पाकिस्तान के कराची शहर में रह रहा है।