मॉस्को/बीजिंग/नई दिल्ली: यूक्रेन युद्ध रोकने में बुरी तरह नाकाम रहे डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर आग बबूला हैं। जबकि दूसरी तरफ व्लादिमीर पुतिन को कोई फर्क नहीं पड़ता अमेरिका कितना भी गुस्सा हो। पुतिन शतरंज की एक नई चाल चल रहे हैं, जिसमें एशिया में एक नया गठबंधन बनाने का प्लान है। मॉस्को की एशिया रणनीति में चीन और भारत को एक साथ लाते हुए एक नया गठबंधन बनाना है, जिसका मकसद पश्चिमी देशों के प्रभाव को कम करना है। यूक्रेन ने 30 दिनों के युद्धविराम के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, लेकिन रूस ने उसे ठुकरा दिया। मॉस्को, उस क्रीमिया पर अमेरिका की मान्यता चाहता है, जिसे उसने 2014 के युद्ध में कब्जाया था। जिसको लेकर पूर्व राजदूत माइकल मैकफॉल जैसे एक्सपर्ट्स ने इसे ‘जहर की गोली’ कहा है। उनका कहना है कि यह कूटनीति को पटरी से उतारने के लिए है।
पुतिन हर हाल में अमेरिकी प्रभाव का मुकाबला करना चाहते हैं औऱ इसके लिए उन्हें भारत और चीन दोनों का साथ चाहिए। इसके लिए वो हथियारों के सौदे और त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन करने जा रहा है। रूस, रूस-भारत-चीन (RIC) संवाद को फिर से शुरू करना चाहता है। वह इसे पश्चिमी देशों के प्रभाव के खिलाफ एक ताकत के रूप में देखता है। RIC को कभी एक शक्तिशाली जियो-पॉलिटिकल मंच माना जाता था, लेकिन भारत और चीन के लिए एक साथ आना और भी ज्यादा मुश्किल है। चीन लगातार भारत के लिए खतरे पैदा कर रहा है। हालिया पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान ये खुलकर सामने आ गया है।
ट्रंप ने बिगाड़ दिए हैं भारत-अमेरिका के रिश्ते
बाइडेन प्रशासन ने भारत और अमेरिका के रिश्ते को काफी मजबूत किया था, लेकिन ट्रंप न तीन महीने में ही इसे काफी खराब बना दिया है। भारत के लिए स्थिति तब और मुश्किल हो गई जब अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक ने भारत-अमेरिका संबंधों में हाल के तनावों पर बात की। उन्होंने कुछ भारतीय नीतियों की ओर इशारा किया जिससे ‘अमेरिका नाराज’ है। इसमें रूस से सैन्य उपकरण खरीदना और ब्रिक्स समूह में भाग लेना शामिल है। लटनिक ने ब्रिक्स को ‘डॉलर और डॉलर के वर्चस्व का समर्थन नहीं करने’ का प्रयास बताया। लटनिक ने कहा, “अमेरिका में दोस्त बनाने और लोगों को प्रभावित करने का यह सही तरीका नहीं है।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ‘इसे सीधे तौर पर कहते हैं।’ भारतीय सरकार अब ‘इसे विशेष रूप से संबोधित कर रही है।’ हालांकि इसके बाद भी लटनिक ने भारत की अर्थव्यवस्था को असाधारण बताया।