सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय कुछ बड़े शहरों में प्रदूषण और जाम से राहत दिलाने के लिए रिंग रोड बनाने की तैयारी कर रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार कुछ शहरों में काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही, रिंग रोड निर्माण वाले और भीड़भाड़ वाले स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है।
मंत्रालय के अनुसार देश में कई शहर ऐसे हैं, जहां पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से उन शहरों पर जाम लगता है। इसके साथ ही प्रदूषण भी बढ़ता है। इस समस्या से राहत दिलाने के लिए देश के 28 शहरों में रिंग रोड का निर्माण करने की योजना है, जिससे एक छोर से दूसरे छोर जाने वाला ट्रैफिक शहर के अंदर जाने के बजाए रिंग रोड होते हुए निकल जाए।
इसके साथ ही 91 भीड़भाड़ वाले स्थानों को चिन्हित किया गया है। मंत्रालय के अनुसार दिल्ली एनसीआर, रांची, कोटा और जयपुर में रिंग रोड का निर्माण हो चुका है। इन शहरों में ट्रैफिक का दबाव कम हुआ है। एक शहर से दूसरे शहर जाने वाले वाहन चालक रिंग रोड का इस्तेमाल कर शहर के बाहर-बाहर से निकल रहे हैं।
केन्द्र सरकार ने भारतमाला परियोजना को अक्टूबर 2017 में 5,35,000।00 करोड़ रुपए की अनुमानित परिव्यय पर लगभग 34,800 किमी की कुल लंबाई (10,000 किमी बाकी एनएचडीपी खंडों सहित) के साथ राजमार्ग खंडों के विकास के लिए अनुमोदित किया था। अधिकांश कार्यों में भूमि अधिग्रहण की लागत भारत सरकार द्वारा वहन की जाती है, हालांकि, कुछ परियोजनाओं में, राज्य सरकारें भूमि अधिग्रहण लागत का कुछ हिस्सा भी वहन करती हैं। भारतमाला परियोजना में संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध पर बैंड चैलेंज मैकेनिज्म के तहत परियोजनाओं को लेने का भी प्रावधान है, बशर्ते वे भूमि अधिग्रहण की कम से कम 50फीसदी लागत वहन करने के लिए तैयार हैं।










































