भारी बारिश के चलते नदी में आई बाढ़

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मानसूनी बारिश का कहर जहां एक ओर नगरी क्षेत्र के निचले इलाकों में देखने को मिल रहा है तो वहीं इस मानसूनी बारिश ने ग्रामीण अंचलों में भी जमकर कहर बरपाया है। जहां भारी बारिश के चलते कई नदी नाले उफान पर है तो वहीं निचले स्तर के पुल डूब जाने से कई गांव का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है। जिसका एक नजारा सोमवार को परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम लिंगा – लोहारा गांव के बीच नदी में देखने को मिला। जहां अत्यधिक बारिश होने से दोनों गांव के बीच से गुजरने वाले नदी का पुलिया डूब गया और उस पुलिया के ऊपर से पानी बहता हुआ नजर आया।जहां नदी में बाढ़ आ जाने से लिंगा – लोहारा बोरी, से लेकर हट्टा सहित अन्य गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। तो वही बाढ़ का पानी कम होते तक लोगो को 15 से 20 किमी का फेरा लगाकर आना जाना पड़ रहा है। जहां स्थानीय लोगों ने जल्द ही नाले में उच्च स्तरीय पुल के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति देकर बड़े पुल का निर्माण किए जाने की मांग की है।

हर साल डूबता है पुल
आपको बताएं कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ है कि लिंगा -लोहारा मार्ग के बीच में बहने वाली नदी में बाढ़ आई हो और उस बाढ़ से वहां का पुल डूब गया हो। बल्कि यह नजारा ग्रामीणों को हर वर्ष बरसात के समय देखने को मिलता रहता है। बावजूद इसके भी अब तक इस नदी मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण नहीं कराया गया है। जहां आज सोमवार को बाढ़ आ जाने के चलते पुलिस प्रशासन द्वारा पुल मार्ग से लोगों का आवागमन रोक दिया गया है। वहीं पुल के दोनों और बैरिकेड लगाकर उक्त मार्ग को बंद कर दिया गया है ।ताकि किसी भी होने वाली अनहोनी से बचा जा सके और लोगों की जान माल की हिफाजत की जा सके। जहां पुल में एक बार फिर बाढ़ आ जाने से कई गांव का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है। तो वही लोग जिला मुख्यालय आने के लिए आप 15 से 20 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर गोंदिया रोड से बालाघाट आ जा रहे हैं। वही वापी जाने के लिए भी उन्हें गोंदिया रोड वाला मार्ग चुनना पड़ रहा है।

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