भारी हंगामें के बीच हुई परिषद की बैठक आहूत

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नगर पालिका बालाघाट की परिषद की बैठक काफी गहमागहमी और हंगामें के बीच आयोजित की गई, जिसमें शहर विकास के प्रमुख मुद्दों को प्रस्ताव में शामिल किया गया, तो विपक्ष इस बार फिर पक्ष के कुछ पार्षद और सभापति के साथ अध्यक्ष और मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर हावी नजर आया, हालांकि यह बैठक समाचार लिखे जाने तक भी खत्म नहीं हुई थी

आपको बता दे की नगर पालिका बालाघाट द्वारा परिषद की बैठक विपक्ष के आवेदन, निवेदन के बाद कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा के निर्देश पर आयोजित की गई, जो एक अगस्त को शाम 3:30 बजे से शुरू की गई जिसमें पुरानी परिषद की बैठक के कुछ प्रस्ताव प्रोसिडिंग में लिए गए जिन पर भी इस परिषद की बैठक में चर्चा की गई और यह चर्चा काफी गहमागहमी और हंगामेदार साबित हुई , जहां एक तरफ विपक्ष नगर पालिका अध्यक्ष और मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर हावी था, तो वही पक्ष के भी कुछ पार्षद और सभापति परिषद की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष और मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर हावी नजर आए, उन्होंने भी शहर विकास से संबंधित कुछ मुद्दों को परिषद के समक्ष रखा और बताया कि इस समय कैसे उन्हें वार्डों में वार्ड की जनता की समस्या से जूझना पड़ रहा है, जहां एक ओर आज नगर पालिका और यहां बैठे उनके अधिकारी, कर्मचारी उनकी समस्या पर भले ही ध्यान नहीं दे रहे हैं पर आज शहर की जनता उन्हें सवाल कर रही है इन सब विषय को लेकर परिषद की बैठक काफी हंगामेंदार रही जिसमें पूरे 22 प्रस्ताव परिषद की बैठक में रखे गए थे, जिन पर समाचार लिखे जाने तक परिषद की बैठक समाप्त नहीं हुई थी और अन्य प्रस्ताव पर परिषद की चर्चा चल ही रही थी

प्रधानमंत्री आवास के मकान का मुद्दा गूंजा

परिषद की बैठक शुरू ही हुई थी की सबसे पहले प्रधानमंत्री आवास से बनने वाले मकान का मुद्दा नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष योगराज लिल्हारे द्वारा उठाते हुए कहा गया कि जब 25 सितंबर 2022 से प्रधानमंत्री आवास के फॉर्म लेना बंद हो गए हैं तो नगर पालिका द्वारा अभी तक क्यों आवास के फॉर्म लिए जा रहे हैं और शहर की जनता को गुमराह किया जा रहा है, वहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने भी यह माना कि सही में अभी फार्म नही लिये जा रहे यह कार्य अभी बंद है पर जो नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारी प्रधानमंत्री आवास के फॉर्म ले रहे हैं और उससे पोर्टल पर चढ़ा रहे हैं उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए ,जब कार्रवाई की बात आई तो संबंधित विभाग की इंजीनियर और कर्मचारी परिषद की बैठक में उपस्थित नहीं थे, जिस पर भारी हंगामा देखने मिला

गलत तरीके से दिया गया प्रधानमंत्री आवास का लाभ

पार्षद शारदा सौरभ जैन द्वारा भी प्रधानमंत्री आवास में गलत तरीके से आवास योजना का लाभ दिए जाने के विषय को विपक्ष के मुद्दे के साथ उठाते हुये कहा गया कि उनके वार्ड में एक व्यक्ति जो कि मर चुका है उसके स्थान पर नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा जियो टैगिंग की गई है और जिसके नाम का मकान था वह व्यक्ति के मरने के बाद उसके स्थान पर दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर फोटो खींची गई है, और उसे लाभ दिलाया जा रहा था, जिस पर उन्होंने इसकी शिकायत अध्यक्ष सहित थाने में भी की है, और ऐसा ही एक अन्य वार्ड का भी मामला था जहां एक ही परिवार के दो व्यक्तियों को आवास का लाभ दिलवाया जा रहा था, जो कि गलत है यह मुद्दा भी परिषद की बैठक में काफी गरमाया रहा

नपा अध्यक्ष के आदेश का नहीं हुआ पालन विपक्ष ने उठाया मुद्दा

हनुमान चौक से रेलवे स्टेशन पहुंच मार्ग का विषय पिछली बार परिषद की बैठक में उठाया गया था और नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा बैठक के दौरान यह कहा गया था, कि यदि ठेकेदार एक महीने के अंदर रोड बनाकर नहीं देता है तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा और संबंधित इंजीनियर पर भी कार्रवाई की जाएगी, किंतु पूरे 4 महीने बीत जाने के बाद भी यह रोड नहीं बनी तो इस विषय को विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष योगराज लिल्हारे द्वारा उठाते हुए कहा गया कि आज नगर पालिका अध्यक्ष के आदेश का पालन अभी तक नहीं हुआ है इस विषय पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा क्या कार्रवाई की गई आखिर क्यों नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा अल्टीमेट देने पर भी कार्रवाई नहीं हुई इस विषय पर परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि क्यों ना संबंधित ठेकेदार को समय देकर ब्लैक लिस्ट किया जाए तो वही नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा भी कहा गया कि यह गंभीर विषय है और वह स्वयं भी चाहते हैं कि वह रोड बनने और यदि रोड नहीं बन रही तो संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाए पर यदि टेक्निकल रूप से देखा जाए तो अभी एक महीने का समय ठेकेदार द्वारा लिया गया है और वह रोड बनाकर देगा और अधूरी रोड को पूर्ण करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी

नगर पालिका के इंजीनियरों को नहीं आता डीपीआर बनाते

विधायक प्रतिनिधि शफकत खान द्वारा परिषद की बैठक में योजनाओं की जानकारी की चर्चा में एक नगर पालिका के अधिकारी से पूछा गया कि सम्बन्धित योजना की वस्तु स्तिथि क्या है प्रकाश डालिए तब अधिकारी द्वारा जानकारी नहीं होने की बात कही गई तब शफकत खान द्वारा कहा गया कि नगर पालिका में आज 5 से 6 इंजीनियर है उन्हें डीपीआर बनाते नहीं आता और वह प्राइवेट इंजीनियरों से डीपीआर बनवाते हैं और जिसके एवज में लाखों रुपए वह प्राइवेट इंजीनियरों को देते हैं जो बहुत ही दुख का विषय है और आज योजनाओं की फाइल बाबुओं के पास होती है पर उसकी जानकारी स्वयं इंजीनियरों को नहीं होती, ऐसा लगता है मानो इंजीनियरों को उनके कनिष्ठ कर्मचारी चला रहे हो

2 वर्ष बीत जाने के बाद भी मेरे वार्ड में नहीं बनी एक भी नाली

विपक्ष के पार्षद आशुतोष और प्रवीण मदनकर द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष पर सवाल करते हुए कहा गया कि आज वह कांग्रेस के पार्षद है इसलिए उनके वार्ड में पूरे 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी एक नाली तक नहीं बनाई गई है और जब कोई समस्या आती है तो कोई उनका फोन नहीं उठाता उन्हें ऐसा लगता है कि वह पार्षद नहीं बहुत छोटे कर्मचारी हैं और इस तरह से उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है जबकि उन्हें उनके वार्ड से जब सीएम हेल्पलाइन लगती है तो नगर पालिका के कर्मचारी जाकर सीएम हेल्पलाइन कटवाने का कार्य उनके माध्यम से करते हैं जो कि गलत है

हमारे नगर पालिका अध्यक्ष की बहुत बड़ी टूटी है – रैना सुराना

सत्ता पक्ष की ही पार्षद रैना सुराना द्वारा परिषद की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष से कहा गया कि यह उनकी बहुत बड़ी त्रुटि है कि उनके द्वारा अलग अलग ट्रेड के इंजीनियरों को उनके कार्य क्षेत्र के विपरीत कार्य दिया जाता है तब वहीं नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा भी गर्म लहजे में कहा गया कि यह उनका कार्य नहीं है यह मुख्य नगर पालिका अधिकारी का कार्य है

स्विमिंग पूल बनाने के विषय को लेकर हुआ भारी हंगामा

परिषद की बैठक के दौरान एक विषय शहर में स्विमिंग पूल बनाने को लेकर चर्चा में आया और इस विषय पर नगर पालिका अध्यक्ष का कहना था कि शहर में स्विमिंग पूल जल्द ही बनाया जाएगा, जिसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है और इसकी राशि भी सांसद निधि से उन्हें मिल गई है पर नेता प्रतिपक्ष योगराज लिल्हारे का कहना था कि नगर पालिका अध्यक्ष इस विषय पर जानकारी सही नहीं दे रही है, जबकि यह सांसद निधि नहीं है और ना ही शहर में स्विमिंग पूल को लेकर कोई कार्य योजना तैयार की गई है जिसको लेकर भारी हंगामा भी परिषद की बैठक में देखने को मिला जहां नेता प्रतिपक्ष द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष से ली गई जानकारी को गलत ठहराया गया और यह आरोप लगाए गए कि नगर पालिका अध्यक्ष शहर की जनता को गुमराह कर रहे हैं और धोखे में रख रहे हैं

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