भालू की दहशत के बाद बजरंग घाट क्षेत्र में एक और दहशत !

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शहर के एकमात्र दर्शनी और लोगों के स्वास्थ्य के लिए टॉनिक का काम करने वाले रेंजर कॉलेज बजरंग घाट क्षेत्र में बीते दिनों भालू के आमद की दहशत अभी समाप्त भी नहीं हुई थी कि एक नई मुसीबत बजरंग घाट क्षेत्र में दिखाई देने लगी है।

दरअसल यह नई मुसीबत मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति बताया जा रहा है जो बजरंग घाट के मनका टेकरी के पास नाले के उस ओर झोपड़ी बनाकर रहता है। गलती से भी कोई व्यक्ति उसके झोपड़ी के आसपास पहुंच जाए तो वह पत्थर और उसके पास रखी गुलेल से उस पर वार करना शुरू कर देता है।

बीते दिनों से कुछ इसी तरह का नजारा लोगों ने देखा जब इस मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति का झोपड़ा देखकर लोगों के मन में जिज्ञासा होती है कि इस रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में किस व्यक्ति ने झोपड़ा बना लिया, लोग कुछ समझ पाते इस दौरान उस व्यक्ति द्वारा गुलेल दिखाकर उन्हें डराया गया फिर क्या था जैसे कुछ देर के लिए जंगल के भीतर लोगों की भगदड़ मच जाती है। यह घटना क्रम लगातार बीते दो-तीन दिनों से होता दिखाई दे रहा है।

इस घटनाक्रम के बीच लोगों के जेहन में फिर एक सवाल उठता है कि क्या कहीं लोगों ने भालू तो नहीं देख लिया इसलिए तो इस दौरान हर कोई एक दूसरे से पूछने लगता है कि आखिर हुआ क्या है कुछ सोचते है कि भालू दिख गया तो कुछ और ही लेकिन पता चलाता है कि जंगल बुक स्टोरी का किरदार भालू बल्लू तो नहीं दिखा जंगल के भीतर रहने वाला लंबे बाल रखने वाला आधे शरीर पर कपड़े पहनने वाला मोगली को जरूर लोगों ने देख लिया।

इस विषय पर बालाघाट वन वृत्त के रेंजर धर्मेंद्र बिसेन ने बताया कि 1 वर्ष पहले भी यह व्यक्ति इस क्षेत्र में झोपड़ा बनाकर रह रहा था। इस दौरान उसे यहां से हटा दिया गया था। लेकिन बीते 1 महीने के दौरान यह पुनः इस स्थान पर झोपड़ा बनाकर रह रहा है, उसे हटाने का वन विभाग द्वारा प्रयास किया गया था, लेकिन उसके द्वारा पत्थर और गुलेल से वार किया जाता है। जल्द ही पुलिस विभाग की मदद लेकर उसे हटाने का प्रयास किया जाएगा।

आपको बता दें कि रेंजर कॉलेज बजरंग घाट क्षेत्र में रोजाना लोग भ्रमण के लिए आते हैं इस दौरान कई व्यक्ति, महिलाएं अकेले भी भ्रमण के लिए निकल पड़ते हैं। ऐसे में बजरंग घाट के भीतर इस तरह के मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति का रहना किसी भी व्यक्ति के लिए खतरे से खाली नहीं है।

बड़ा सवाल यह उठता है कि जब वे व्यक्ति लगातार इस स्थान पर रह रहा है तो उसे भोजन पानी की व्यवस्था कहां से हो रही है, कहीं ऐसा तो नहीं कि इस व्यक्ति की आड़ में इस क्षेत्र में कोई अवैध काम चल रहा है, तभी तो यह व्यक्ति किसी दूसरे को अपने पास आने नहीं देता, गुलेल और बकायदा पत्थर की पूरी व्यवस्था अपनी सुरक्षा के लिए रखे हुए हैं?

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