भोपाल में प्रदेश सरकार के खिलाफ अनशन आंदोलन की बनाई रणनीति

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प्रदेश सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहे ग्रामीण पटेल कल्याण संघ ,प्रदेश की शिवराज सरकार से खासा नाराज है। जिन्होंने ग्रामीण पटेलो के अधिकार समाप्त करने और उन्हें मानदेय सहित अन्य सेवाओं से मुक्त करने पर अपनी नाराजगी जताते हुए प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। जिन्होंने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार को मार्च तक का अल्टीमेटम देते हुए मार्च अंत तक उनकी समस्त मांगे पूरी ना होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भोपाल में अनशन कर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। जिसकी तमाम जानकारी ग्रामीण पटेल कल्याण संघ द्वारा शनिवार को नगर के बस स्टैंड स्थित धर्मशाला में आयोजित एक बैठक में दी गई। जिसमें ग्रामीण पटेल कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा सहित देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी पटेलों को उनके अधिकार देने, पटेलो को पूर्व में दिया गया मान सम्मान वापस दिलाने और पटेलों के महत्व को बरकरार रखते हुए उनकी समस्त मांगे जल्द से जल्द पूरी किए जाने की गुहार लगाई है। जहां उन्होंने मांग पूरी ना होने पर जल्द ही प्रदेश संगठन के आह्वान पर भोपाल में अनशन कर धरना प्रदर्शन की जाने की चेतावनी दी है।इस दौरान ग्रामीण पटेल कल्याण संघ प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल शरणागत, जिला अध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार लिल्हारे, उपाध्यक्ष टेकचंद बोपचे, सचिव तेजूलाल पारधी, संयुक्त सचिव जगदीश बघेल, कोषाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, सदस्य ईश्वर दयाल हनमत,ओंकारसिंह वाडीवा ,फकीरचंद खवसे, सुंदर सिंह मरकाम, सीताराम उईके, अमर सिंह देशमुख, शिवराम पटेल सहित अन्य पदाधिकारी, सदस्य व ग्रामीण पटेल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

इन मांगों पर की चर्चा
राजस्व की वसूली करने के पटेल को अधिकार दिए जाए,
किस्त बंदी , के कार्य प्रतिवर्ष पटेलों दिए जाए,जिन ग्रामों में ग्रामीण पटेल पद रिक्त है, उनको यथाशीघ्र भरा जाये, ग्रामीण पटेल जो पूर्व में थे, उनको यथावत रखा जाये,
भू-राजस्व संहिता की धारा 222 से 229 की अधिकार की जिम्मेदारी पटेलों को दी जावें। ग्राम पंचायत के मनोनीत पंच एवं आम सभा पटेलो को प्रतिनिधि बनाया जाए, कोई भी जांच पटेल के समक्ष की जावें।ग्रामीण पटेल को प्रतिवर्ष 100 रू. पारिश्रमिक मिलता था, वह 2016 तक नहीं मिल पायी है, उसे दिलवाये जायें।ग्रामीण पटेल को वर्तमान में छत्तीसगढ़ / महाराष्ट्र / हरियाणा एवंअन्य प्रांतों में जिस प्रकार से प्रतिमाह मानदेय दिया जाता, उसी प्रकार म.प्र. के
समस्त ग्राम पटेलों को वेतन दिया जावें,संगठन में महिला एवं पुरूष कार्यकारिणी में पद अधिकारी है,जिनकी मिटिंग 2-2 माह में राजधानी भोपाल में की जाती है। संगठन के
पदाधिकारियों को रूकने का साधन नहीं है, इसलिए संगठन के नाम से एक आवास मकान कार्यालय हेतु स्वीकृत कराया जावें। इसके अलावा बैठक के दौरान अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।

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