भोपाल में 200 टन गीले कचरे से बनेगी बायो सीएनजी, गैस से होगा बसों का संचालन

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भोपाल । शहर में कचरा प्रबंधन को लेकर नगर निगम ने एक महत्वपूर्ण कदम रख दिया है। दरअसल, आदमपुर छावनी स्थित लैंडफिल साइट पर विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष व क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा ने शुक्रवार को बायो सीएनजी प्लांट का भूमिपूजन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि प्रोजेक्ट में प्रतिदिन दो सौ टन गीले कचरे को निष्पादित कर सीएनजी गैस बनाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट में नगर निगम का एक रुपये भी खर्च नहीं होगा साथ ही नगर निगम को हर साल 61 लाख रुपये की रॉयल्टी भी मिलेगी। प्रोजेक्ट भी 15 माह के अंदर पूरा किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान रामेश्वर शर्मा ने नगर निगम के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रोजेक्ट में देरी हुई या लोगों को दिक्कत हुई तो आपको भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने प्लांट में स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार देने पर जोर दिया। कार्यक्रम में निगमायुक्त वीएस चौधरी कोलसानी, अपर आयुक्त एमपी सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

इन दो प्रोजेक्ट पर भी होगा काम

– प्रोजेक्ट- ड्राय वेस्ट मेटेरियल रिकवरी प्रोजेक्ट

कचरे का निष्पादन- 300 टन प्रतिदिन

तीन सौ टन सूखे कचरे की री-साइकलिंग के लिए ड्राय वेस्ट मेटेरियल रिकवरी प्रोजेक्ट पर अहमदाबाद की नेप्रा कंपनी काम करेगी। शर्तों के मुताबिक कंपनी से नगर निगम को कचरे के बदले 38 लाख रुपये सालाना आय भी होगी। इसमें कई प्रकार की मशीनों का बड़ा सेटअप होगा। अनुमान है कि दो से तीन माह में प्लांट में मशीन व सेटअप संबंधित पूरा हो सकता है। कंपनी ने यहां प्लांट लगाने के लिए जमीन के लिए सर्वे भी कर लिया है।

प्रोजेक्ट- एनटीपीसी (कचरे से ईंधन) प्लांट

कचरे का निष्पादन- 400 टन से अधिक कचरा प्रतिदिन

दोनों प्रोजेक्ट के बाद प्रतिदिन 400 टन कचरे के निष्पादन के लिए एनटीपीसी का कचरे के रूप में ईंधन बनाने का प्रोजेक्ट लगाया जाना है। अधिकारियों ने बताया कि प्लांट में कचरे को ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए काम होगा। पहले कचरे की आर्द्रता को खत्म किया जाएगा। फिर कंप्रेसिंग कर निश्चित ताप में कचरे को ईंधन के लिए बंडल का आकार दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से नगर निगम को कोई आय नहीं होगी। अभी तक नगर निगम सिर्फ प्लास्टिक वेस्ट को सीमेंट उद्योगों में ईंधन के रूप में उपयोग के लिए देता है।

एक नजर में प्रोजेक्ट

प्रोजेक्ट का नाम- बायो सीएनजी प्लांट

कंपनी का नाम- नासिक वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी

लागत- 30 करोड़ रुपये

डेडलाइन- 15 माह

प्लांट का क्षेत्रफल- 6 एकड़

कितना कचरा- 200 टन गीला कचरा प्रतिदिन

नगर निगम का खर्च- एक रुपये नहीं

निष्पादन में बचने वाला निगम का खर्च- 2.43 करोड़ रुपये

यूनिडो से मिलने वाला अनुदान- 10.50 करोड़ रुपये

गैस का उपयोग- बीसीएलएल की बसों के संचालन में

नगर निगम को कितने में मिलेगी- बाजार मुल्य से पांच रुपये कम में

कितना कंपोस्ट बनाया जाएगा- 20 टन

कितने वर्षों का अनुबंध- 20 वर्ष

यूनिडो से मिलने वाला अनुदान- 10.50 करोड़ रुपये

गैस का उपयोग- बीसीएलएल की बसों के संचालन में

नगर निगम को कितने में मिलेगी- बाजार मुल्य से पांच रुपये कम में

कितना कंपोस्ट बनाया जाएगा- 20 टन

कितने वर्षों का अनुबंध- 20 वर्ष

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