मध्यप्रदेश में एथेनाल के उत्पादन की मंजूरी

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मध्य प्रदेश सरकार ने पहले चरण में 5 कंपनियों को रोजाना 6 लाख लीटर एथेनॉल तैयार करने की अनुमति दी है। इस एथेनॉल का उपयोग पेट्रोल डीजल में मिलाने के लिए किया जाएगा।
अभी तक मध्य प्रदेश में जो एथेनाल बनता था। उसकी निगरानी आबकारी विभाग करती थी। एथेनाल की बिक्री डिस्टलरी, जो शराब निर्माण का काम करती थी। उनको विक्रय किया जाता था।
पहली बार औद्योगिक नीति के तहत एथेनॉल उत्पादन की अनुमति फूड इंडस्ट्री निर्माता कंपनियों को दी गई है। फूड इंडस्ट्री द्वारा तैयार एथेनाल पेट्रोल और डीजल की मिक्सिंग के काम आएगा।
एथेनाल एक तरह से अल्कोहल और शराब के लिए उपयोग में लाया जाता है। सरकार ने औद्योगिक उत्पादन की अनुमति दी है। लेकिन इसकी निगरानी के लिए अभी कोई नियम कानून नहीं बनाए हैं।
पांच कंपनियां
धानुका बायोटेक, डोलेक्स एग्रीटेक, जीरोकॉन बायोफ्यूल, डाईजी एग्रीटेक तथा हाईड्राइज इंडस्ट्रीज को औद्योगिक उत्पादन नीति के तहत एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी गई है।
सरकार की सब्सिडी
मध्यप्रदेश में निवेश कर रही एथेनाल निर्माता कंपनियां, जो प्लांट मशीनरी के लिए निवेश करेंगी उन्हें 40 फ़ीसदी अनुदान के साथ 5 फ़ीसदी ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। एथेनाल तैयार करने में अनाजों, एवं गन्ने का उपयोग होता है। इसलिए इसे फूड इंडस्ट्रीज के दायरे में रखा गया है।

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