मध्य प्रदेश का बेटा विवेक सागर बना अर्जुन अवार्डी, राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया सम्‍मानित

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शनिवार को मध्य प्रदेश की शान विवेक सागर प्रसाद को देश के प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। विवेक के अलावा मप्र हाकी अकदामी में रहे नीलाकांत शर्मा भी अर्जुन अवार्डी बन गए है। विवेक सागर उस भारतीय हाकी टीम के सदस्य रहे हैं, जिसने टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। इस टीम में नीलाकांत शर्मा भी शामिल थे। इस बार कांस्‍य पदक जीतने वाली पूरी टीम को पुरस्‍कृत किया गया हे। बता दें कि विवेक सागर को हाल ही में भुवनेश्वर (ओडिशा) में होने वाले जूनियर हाकी वर्ल्ड कप केलिए टीम की कमान सौंपी गई है। भारतीय जूनियर पुरुष हाकी टीम इस विश्वकप में विवेक के नेतृत्व में खेलेगी।

एक वर्ष में दो प्रतिष्ठित सम्मान

नर्मदांचल के विवेक सागर को इस एक वर्ष में दोहरी सफलता प्राप्‍त की है। उन्हें इसी वर्ष मध्य प्रदेश का का प्रतिष्ठित विक्रम पुरस्कार से भी नवाजा गया था। मप्र सरकार ने विवेक को ओलिंपिक में यादगार प्रदर्शन के लिए एक करोड़ रुपये का पुरस्कार, डीएसपी की नौकरी व राजधानी भोपाल में एक मकान भी दिया है।

हाकी में मध्य प्रदेश को 21 साल बाद मिला ‘अर्जुन’

मध्य प्रदेश्ा को 21 साल बाद हाकी में अर्जुन पुरस्कार मिल रहा है। इससे पहले वर्ष 2000 में सैयद जलालउददीन रिजवी और मधु यादव को संयुक्त रूप से अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इनके अलावा निशानेबाजी में प्रदेश को 2013 में राजकुमारी राठौर ने अर्जुन पुरस्कार दिलवाया था। बता दे कि विवेक सागर प्रदेश को अर्जुन पुरस्कार दिलाने वाले सबसे युवा हाकी खिलाड़ी हैं।

छोटे से गांव से निकली प्रतिभा

विवेक सागर होशंंगाबाद जिले की इटारसी तहसील के ग्राम शिवनगर चांदौन के रहने वाले हैं विवेक सागर। बचपन से उन्हें हाकी से प्रेम रहा है। उनके गांव से कुछ दूर सेना की आर्डिनेंस फैक्ट्री के मैदान पर हाकी खेली जाती थी। विवेक का भी मन हुआ तो वह घर से अकेले वहां खेलने जाने लगे। तब सुविधाएं नहीं थीं। वर्ष 2012 में विवेक को लगा कि अब खेल में करियर बनाया जा सकता है। इस दौरान ओलिंपियन अशोक ध्यानचंद ने एक मुकाबले के दौरान विवेक की प्रतिभा को पहचाना और मप्र हाकी अकादमी लेकर आए। आज विवेक देश के चुनिंदा हाकी खिलाड़ियों में शुमार हैं। विवेक के पिता शिक्षक हैं।

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