किसानों को प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति से बचाने के लिए लागू प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस बार किसानों का पंजीयन कम हुआ है। अभी तक खरीफ फसलों के लिए लगभग 30 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग ने केंद्र सरकार से पंजीयन की तारीख बढ़ाने की मांग की थी, जिसे मान लिया गया है। अब 31 अगस्त तक पंजीयन होगा। किसानों को बाढ़ से हुए नुकसान के बहाने बीमा का महत्व समझाया जाएगा। वहीं, बीमा कंपनियां प्रीमियम की राशि 24 अगस्त तक जमा करा सकेंगी। पिछले साल 44 लाख से ज्यादा किसानों का फसल बीमा हुआ था। हालांकि, अभी इन्हें फसल क्षति का मुआवजा नहीं मिला है।
कृषि विभाग ने तय किया है कि किसानों को बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान के माध्यम से बीमा के फायदे समझाए जाएंगे। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों के लिए प्रीमियम की राशि जमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई थी। किसानों के बोवनी में व्यस्त होने और अतिवर्षा की स्थिति को देखते हुए इस पहले बढ़ाकर नौ अगस्त और फिर 16 अगस्त किया गया। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों की प्रीमियम राशि बैंक काट चुके हैं और अऋणी और डिफाल्टर किसानों ने बैंकों में राशि जमा करा दी है। इसके लिए अंतिम समयसीमा 16 अगस्त निर्धारित थी।
किसानों के पंजीयन का काम अभी चल रहा है। वहीं, कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि अधिक से अधिक किसानों का फसल बीमा कराने के लिए पंजीयन की अवधि बढ़ाने की मांग केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से की थी, जिसे मान लिया है। किसान बीमा कराने के लिए प्रेरित करने उन्हें ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में आई बाढ़ से प्रभावित फसलों की जानकारी देकर समझाया जाएगा। पिछले साल किसानों को पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का फसल बीमा दिलाया गया था।
अगले माह मिल सकता है फसल बीमा : पिछले साल 44 लाख से ज्यादा किसानों ने खरीफ फसलों का बीमा कराया था। अतिवर्षा के कारण सोयाबीन सहित अन्य फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। कृषि विभाग की ओर से बीमा कंपनियों को दावे प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इनका अंतिम परीक्षण चल रहा है। इसके बाद किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा।