मध्य प्रदेश के लोगों को रोजगार नहीं देने पर टीसीएस और इंफोसिस को नोटिस

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सुपर कारिडोर पर रियायती दरों में जमीन लेने के बावजूद 50 फीसद मध्य प्रदेश के लोगों को रोजगार नहीं देने पर प्रशासन ने आइटी कंपनी टीसीएस और इंफोसिस को नोटिस दिया है। कंपनियों को तय समयावधि में परिसर में 10 लाख वर्गफीट निर्माण भी करना था, लेकिन एक तिहाई पर ही काम हुआ। प्रशासन ने दोनों कंपनियों को 23 जुलाई तक दिए गए रोजगार की जानकारी देने के लिए कहा है। गौरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान पिछले दिनों जब इंदौर आए थे तो उन्होने कहा था कि टीसीएस और इंफोसिस ने जमीन तो खूब ले ली, लेकिन मध्य प्रदेश के लोगों को रोजगार बहुत कम दिया। कंपनियों द्वारा रोजगार न देने से सी

मध्य प्रदेश के लोगों को रोजगार नहीं देने पर टीसीएस और इंफोसिस को नोटिस

Updated: | Tue, 20 Jul 2021 12:48 PM (IST)

मध्य प्रदेश के लोगों को रोजगार नहीं देने पर टीसीएस और इंफोसिस को नोटिस
इंफोसिस को मध्य प्रदेश के 13 हजार लोगों को देनी थी नौकरी, मिली सिर्फ 672 लोगों को।

इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सुपर कारिडोर पर रियायती दरों में जमीन लेने के बावजूद 50 फीसद मध्य प्रदेश के लोगों को रोजगार नहीं देने पर प्रशासन ने आइटी कंपनी टीसीएस और इंफोसिस को नोटिस दिया है। कंपनियों को तय समयावधि में परिसर में 10 लाख वर्गफीट निर्माण भी करना था, लेकिन एक तिहाई पर ही काम हुआ। प्रशासन ने दोनों कंपनियों को 23 जुलाई तक दिए गए रोजगार की जानकारी देने के लिए कहा है। गौरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान पिछले दिनों जब इंदौर आए थे तो उन्होने कहा था कि टीसीएस और इंफोसिस ने जमीन तो खूब ले ली, लेकिन मध्य प्रदेश के लोगों को रोजगार बहुत कम दिया। कंपनियों द्वारा रोजगार न देने से सीएम शिवराज नाखुश थे, उन्होंने कहा था की कंपनियों ने से 4-5 हजार लोगों को ही रोजगार दिया।

देनी थी 13 हजार को नौकरी, मिली 672 को

सुपर कारिडोर पर इंफोसिस को 130 एकड़ जमीन दी गई थी। शासन ने 13 हजार प्रदेशवासियों को रोजगार देने की शर्त रखी थी, लेकिन रोजगार मिला सिर्फ 672 लोगों को। टीसीएस कंपनी को भी 15 हजार लोगों को रोजगार देना था, लेकिन साढ़े चार हजार लोगों को ही रोजगार दिया।

230 एकड़ जमीन दी

सुपर कारिडोर पर दोनों कंपनियों को कुल 230 एकड़ जमीन दी थी। कंपनियों की मांग पर इंदौर विकास प्राधिकरण ने नर्मदा लाइन भी बिछाई थी। एसइजेड स्वीकृत कराकर कंपनियों ने अन्य रियायतें भी ली थी। प्राधिकरण ने किसानों से जमीन लेकर आइटी विभाग को हस्तांरित की थी। इसके बाद विभाग ने दोनों कंपनियों को जमीन दी थी।

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