मध्य प्रदेश के 12 जिलों में बारिश की दरकार, इधर मानसून ब्रेक के आसार

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पिछले दस दिनों में भले ही ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के जिलों में बाढ़ को लेकर त्राहिमाम की स्थिति बन गई थी, लेकिन मध्य प्रदेश के शेष जिलों में बारिश की स्थिति संतोषजनक नहीं है। हालात यह हैं कि 12 जिलों में वर्षा की दरकार बनी हुई है। उधर मानसून विज्ञानियों ने फिलहाल मानसून ब्रेक की स्थिति बनने की संभावना जताई है।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक प्रदेश में 613.9 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य (559.1मिमी.) की तुलना में 10 फीसद अधिक है। हालांकि प्रदेश के 12 जिलों में अभी तक सामान्य से 20 से लेकर 43 फीसद तक कम बारिश हुई है।

मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि वर्तमान में बिहार और उससे लगे उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर भी एक चक्रवात बना हुआ है। इस वजह से गुरुवार को रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग में कुछ बौछारें पड़ सकती हैं। शेष जिलों में मौसम खुलने लगेगा। उधर मानसून ट्रफ का पूर्वी छोर भी हिमालय की तराई में पहुंच गया है। पश्चिमी छोर उप्र से होकर गुजर रहा है। मानसून ट्रफ के हिमालय की तराई में पहुंचने और बंगाल की खाड़ी, अरब सागर में कोई वेदर सिस्टम नहीं होने से अभी एक सप्ताह तक बारिश होने के आसार नहीं हैं।

इसलिए बने थे ग्वालियर, चंबल क्षेत्र में बाढ़ के हालात

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ा गहरा कम दबाव का क्षेत्र आगे बढ़कर ग्वालियर-गुना पर लगातार चार-पांच दिन तक सक्रिय रहा था। इस सिस्टम को बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार नमी मिलती रही। इस वजह से ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों और उनसे लगे जिलों में बाढ़ के हालात बन गए थे।

इन जिलों में बारिश की दरकार

जिला–सामान्य बारिश–अभी तक बारिश–कमी (फीसद में)

इंदौर–494.3–393.1–20

धार–513.0 –333.1–35

बड़वानी–406.6–231.9–43

खरगोन–442–252–43

बुरहानपुर–450.4–309.8–31

हरदा–622.5–486.7–22

दमोह–631.4–410.3–35

पन्नाा–632.1–461.6–27

कटनी–610.3–482.4–21

जबलपुर–648.8–453.8–30

सिवनी–635.7–479.5–25

बालाघाट–809.2–568.1–30

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