मध्य प्रदेश पुलिस इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता बढ़ाएगी। इसके लिए सभी पुलिस अधीक्षकों से इंटरनेट मीडिया के अकाउंट बनाने और उनके माध्यम से जनता से संवाद को बढ़ावा देने को कहा है। मध्य प्रदेश पुलिस की वेबसाइट पर जिलों की गतिविधियों की जानकारी सार्वजनिक करने की व्यवस्था की गई है। इससे कोई भी व्यक्ति अपने जिले या थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जान सकेगा। पुलिस अधिकारियों से अपनी ओर से भी जनहित की सूचनाओं को साझा करने को कहा गया है। मध्य प्रदेश पुलिस तकनीक आधारित व्यवस्थाओं को तेजी से अमल में ला रही है। आनलाइन प्रशिक्षण को अप्रत्याशित सफलता मिलने के बाद अन्य शाखाओं में भी इसे लागू किया जा रहा है। अब जिला पुलिस को इंटरनेट मीडिया का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इस व्यवस्था का उद्देश्य यह है कि पुलिस जो कार्रवाई करती है, उसकी जानकारी जनता तक पहुंचे।
जनता के बीच संवाद का माध्यम खुलेगा : जनता और पुलिस अधिकारियों के बीच आनलाइन माध्यम से संवाद का विकल्प खुलेगा। इससे पुलिस तक पहुंचने वाली सूचनाओं का दायरा भी बढ़ेगा। इसके तहत पुलिस महानिदेशक के टि्वटर हैंडल से भी जानकारियां, सूचना और बधाई जैसे संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। बीते एक माह में उनके टि्वटर हैंडल से दी जाने वाली जानकारियों में बढ़ोतरी हुई है।
डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई को जनता के बीच तक पहुंचाना उद्देश्य है। लोगों को जानकारी होनी चाहिए कि उनके जिले या थाना क्षेत्र की पुलिस क्या कर रही है। पुलिस की वेबसाइट पर भी सूचनाएं साझा करने की नई-नई व्यवस्था की जा रही है। – चंचल शेखर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो
चार दिन में ही 26 ई-एफआइआर हुईं दर्ज
हाल ही में पुलिस की ओर से दी गई ई-एफआइआर सुविधा को भी लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिला है। 12 अगस्त को परीक्षण के तौर पर लागू व्यवस्था के बाद 16 अगस्त तक 26 ई-एफआइआर दर्ज की गई हैं। इस प्रारूप में एफआइआर दर्ज कराने वालों में भिंड, दतिया जैसे अपेक्षाकृत छोटे जिले भी शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि तकनीक आधारित व्यवस्था का लाभ छोटे या बड़े शहर के हिसाब से तय नहीं किया जा सकता है। अब देश के किसी भी हिस्से में लोग समान रूप से आनलाइन व्यवस्था का लाभ उठा रहे हैं।