मध्य प्रदेश सरकार ने राजस्व और वन विभाग की जमीन के सीमा विवाद का हरा-भरा समाधान निकाल लिया है। विवाद की वजह से अनुपयोगी पड़ी और बंजर हो रही जमीन पर पौधे रोपे जाएंगे और इन्हें नगर वन कहा जाएगा। यही प्रयोग अतिक्रमण से मुक्त करवाई गई सरकारी भूमि पर भी होगा। विवादित भूमि पर हरियाली बढ़ाने का यह प्रयोग पर्यावरण को समृद्ध करेगा। केंद्र सरकार की विशेष योजना के तहत भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित 12 शहरों में ऐसी जमीन पर नगर वन तैयार किए जाएंगे। इनमें से भोपाल और ग्वालियर के लिए मंजूरी मिल चुकी है। वन विभाग ने प्रदेश के 14 शहरों में नगर वन बनाने का प्रस्ताव भेजा था। रीवा और मुरैना में उपयुक्त व पर्याप्त जमीन नहीं मिलने से अनुमति नहीं मिली।
केंद्र सरकार ने हर नगर वन को विकसित करने के लिए 2.16 करोड़ रुपये देने का प्रविधान किया है। हालांकि राज्य के वन विभाग का प्रस्ताव 3.06 करोड़ रुपये का था इसलिए अंतर की राशि राज्य सरकार ने देने का फैसला किया है। चयनित जमीन को समन्वय कर वन विभाग को उपलब्ध कराने का काम दोनों विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। भोपाल के चंदनपुरा इलाके में 50 हेक्टेयर भूमि पर नगर वन तैयार किए जाने की योजना है। हालांकि इस जमीन को लेकर एक पेच फंसा है। इस क्षेत्र में बाघ का आवागमन है इसलिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित करने के निर्देश दिए थे।
इसका पालन न होने पर ट्रिब्यूनल ने फिर से निर्देश दिए, जिसमें मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाकर जल्द निर्णय लेने को कहा है। उधर, ग्वालियर में शहर के पास ऐसी करीब 30 हेक्टेयर भूमि मिल गई है। प्रोजेक्ट के लिए हाउसिंग बोर्ड ने साढ़े सात लाख रुपये दिए हैं।
अन्य शहरों में भी स्थानीय निकायों से राशि ली जाएगी।
इन शहरों में बनेंगे नगर वन : भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, देवास, सिंगरौली, सतना, उज्जैन, कटनी, खंडवा, रतलाम, सागर और इंदौर में नगर वन प्रस्तावित हैं।
पार्क जैसा होगा नगर वन, वॉकिंग ट्रैक, योग-ध्यान के लिए बनाई जाएगी जगह
– यह शहर में या उसके पास एक छोटे जंगल की तरह होगा। इसमें पार्क जैसी सुविधाएं जुटाई जाएंगी। – संबंधित भूमि की तार फेंसिंग की जाएगी। यहां वॉकिंग ट्रैक और जंगल जैसा आभास दिलाने छोटेछोटे तालाब बनाए जाएंगे।
– अगले चरण में बच्चों के लिए झूले सहित अन्य गतिविधियों की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
– योग और ध्यान के लिए जगह विकसित की जाएगी।
– इसमें पेड़, पौधों के साथ वन्यप्राणियों के बारे में जानकारी देने की भी व्यवस्था होगी।
हमने 14 शहरों में नगर वन तैयार करने का प्रस्ताव दिया था। जिसमें से भोपाल, ग्वालियर का प्रस्ताव मंजूर हो गया। जबलपुर और शेष पर विचार चल रहा है। – के. रमन, अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक, ग्रीन इंडिया मिशन