शिवराज सरकार ने छह लाख 67 हजार नियमित कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 11 प्रतिशत बढ़ा दिया है। अप्रैल में मिलने वाले मार्च के वेतन से 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। अभी कर्मचारियों को बीस प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। पेंशनर की महंगाई राहत बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति ली जाएगी। इसके लिए वित्त विभाग पत्र लिखेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों को केंद्र सरकार की तरह 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा की थी। बजट में भी इसके लिए प्रविधान किया गया है। वित्त विभाग के उप सचिव पीके श्रीवास्तव ने सभी विभाग, विभागाध्यक्ष और कलेक्टरों को जारी आदेश में बताया है कि एक मार्च 2022 से महंगाई भत्ता 11 प्रतिशत बढ़ाया गया है।
इसके अनुसार ही वेतन संबंधी बिल प्रस्तुत किए जाएं। महंगाई भत्ते में वृद्धि से सरकार के खजाने पर सालाना साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। पंचायत और नगरीय निकायों के कर्मचारियों के लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे। निगम, मंडल और प्राधिकरण अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लेंगे।
उधर, पेंशनर का आदेश में जिक्र नहीं करने पर पेंशनर एसोसिएशन मध्य प्रदेश ने आपत्ति उठाई है। संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने कहा कि पेंशनर के साथ लंबे समय से भेदभाव किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति लेने के नाम पर महंगाई राहत नहीं बढ़ाई जाती है। पिछली बार भी जब कर्मचरियों का आठ प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया गया था, तब महंगाई राहत में पांच प्रतिशत की वृद्धि ही की गई थी। सातवें वेतनमान का एरियर भी नहीं दिया गया है।
संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि आदेश में छठवें वेतनमान प्राप्त अधिकारियों-कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि का उल्लेख ही नहीं है। जबकि, अभी तक जो भी आदेश जारी होते थे, उसमें सातवें और छठवें वेतनमान में वृद्धि का उल्लेख किया जाता था।
वहीं, वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पेंशनर की महंगाई राहत बढ़ाने का निर्णय छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति मिलने के बाद लिया जाएगा। छठवां वेतनमान प्राप्त अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए अलग से आदेश निकाले जाएंगे।
किसे कितना होगा लाभ
श्रेणी– प्रतिमाह अधिकतम लाभ
प्रथम श्रेणी- 22 से 25 हजार रुपये
द्वितीय श्रेणी- 15 से 21 हजार रुपये
तृतीय श्रेणी- साढ़े चार हजार से साढ़े छह हजार रुपये
चतुर्थ श्रेणी- दो हजार से तीन हजार 300 रुपये
शिक्षक संवर्ग- तीन हजार 300 से साढ़े पांच हजार रुपये
