शहर के बहुचर्चित सत्तार फार्म फिलर हत्याकांड मामले में 12 साल बाद सोमवार को स्थानीय न्यायालय ने फैसला सुनाया। मामले में कुल 22 आरोपितों में से 20 आरोपित को न्यायालय ने बरी कर दिया। एक फरार आराेपित का फैसला सुरक्षित रखा गया है। वहीं एक की मौत हो गई थी।
बता दें 20 जुलाई 2009 को 55 वर्षीय सत्तार पुत्र गफ्फार बाइक से अपने साथियों के साथ शहर के इंदिरा कालोनी स्थित घर जा रहा था। इस दौरान घर के पास पहुंचने पर शाम पौने सात बजे उस पर फायरिंग की गई थी। घटना वाले दिन ही उपचार के दौरान सत्तार की मौत हो गई थी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था। सोमवार को उक्त हत्याकांड मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रूपेश नाईक ने फैसला सुनाया।
जिसमें 20 आरोपितों संतोष सिंह पुत्र सत्यनारायण सिंह, विकास शर्मा पुत्र जयंत शर्मा, सुनील आभा पुत्र धुडकु पाटील, मंगल सिंह पुत्र अभय सिंह चौहान, लौटन पुत्र बंशीलाल पाटील, संतोष पुत्र रमेशचंद विश्वकर्मा, पवन पुत्र जगदीश चौबे, पवन उर्फ मठ्ठा पुत्र जगदीश चौधरी, सफीक शेख पुत्र शेहजाद शेख, प्रितेश पुत्र मांगीलाल यादव, शंकरनाथ पुत्र रघुनाथ, श्रीष दुबे, गणेश पुत्र किशन सिरसाठ, जफर पुत्र वहाब, जयंत पुत्र रामसहाय शर्मा, संजय पुत्र विष्णु प्रसाद यादव सभी निवासी सेंधवा और डॉ. अनिल जैन पुत्र ज्ञान प्रकाश जैन निवासी महू (इंदौर), दीपक पुत्र जीतमल वर्मा निवासी मझगंवा जिला जौनपुर उत्तर प्रदेश, गोपाल सिंह पुत्र ओमप्रकाश सिंह निवासी जरहिला, जिला जौनपुर उत्तर प्रदेश, राजू गाईड पुत्र देवीसिंह निवासी इंदौर को बरी कर दिया गया है।
वहीं मामले में जीतू उर्फ जितेंद्र पुत्र विष्णुप्रसाद यादव निवासी सेंधावा फरार है। वहीं एक अन्य आरोपित डॉ. कृष्णकांत शर्मा पुत्र मोहनलाल शर्मा निवासी महू की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। शासकीय अधिवक्ता नारायण जाधव ने बताया कि न्यायालय ने मामले के 20 आरोपितों को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है। वहीं मामले के एक फरार आरोपित का फैसला सुरक्षित रखा गया है।