प्रदेश में व्याप्त कोरोना संकट ने आइएएस और आइपीएस संवर्ग में राज्य सेवा के अधिकारियों की पदोन्नति की राह रोक दी है। सामान्य प्रशासन ने पदोन्नति के लिए प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया प्रारंभ की थी लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की वजह से काम रुक गया है। वहीं, गृह विभाग आइपीएस कैडर के रिव्यू का इंतजार कर रहा है, जो केंद्र सरकार में लंबित है।
प्रदेश को इस वर्ष पदोन्नति के माध्यम से 29 आइएएस और आइपीएस अधिकारी मिलेंगे। दोनों विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुमोदन से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे। प्रदेश को वर्ष 2021 में 18 पद पदोन्नति के लिए प्राप्त हुए हैं। इसमें 1994, 1995, 1998 और 1999 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पदोन्नत होने का मौका मिलेगा।
इसके लिए विभाग ने पांच साल की गोपनीय चरित्रावली, अनियमितता सहित अन्य जांच के प्रतिवेदन एवं अन्य जानकारियों के आधार पर नाम तय करते हुए प्रस्ताव तैयार करना प्रारंभ किया था। पहले विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी कोरोना संक्रमित हुईं और जब वे स्वस्थ होकर आईं तो विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी संक्रमित हो गए।
इसके बाद कोरोना संक्रमण फैलता गया और मैदानी से लेकर मंत्रालय के अधिकारी अन्य जरूरी कामों में जुट गए। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब स्थितियां सामान्य होने पर ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। उधर, गृह विभाग आइपीएस के कैडर रिव्यू का इंतजार कर रहा है। अभी 11 पद पदोन्नति के लिए उपलब्ध हैं।
माना जा रहा है कि रिव्यू में कुछ पद बढ़ेंगे, जिसका लाभ पदोन्नति के पदों में भी मिलेगा। यही वजह है कि अभी तक विभाग ने प्रस्ताव की तैयारी ही शुरू नहीं की है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की वरिष्ठता का मामला उलझा था, जिसकी वजह से पदोन्नति का प्रस्ताव मई में केंद्र सरकार को गया था।










































