प्रदेश में एक नवंबर यानी सोमवार से 65 हजार बूथ लेवल आफिसर के तबादले दो माह तक नहीं होंगे। सरकार को कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का स्थानांतरण करने के पहले भी चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी। सोमवार से प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हो रहा है। जो नए आवेदन प्राप्त होंगे, उनका घर जाकर सत्यापन किया जाएगा। नए मतदाताओं के नाम सूची में शामिल करने से लेकर मृत मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया की जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कुमार कौल ने बताया कि मतदाता सूची की प्रक्रिया से जुड़े किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का तबादला बिना आयोग की अनुमति के नहीं होगा। यदि प्रशासनिक दृष्टि से किसी का स्थानांतरण करना जरूरी है तो शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजना होगा। आयोग से अनुमति मिलने के बाद ही कोई आदेश जारी हो सकेगा।
एक नवंबर को सभी जिलों में मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन करने के बाद दावे-आपत्ति लेने का काम प्रारंभ हो जाएगा। प्रत्येक मतदान केंद्र पर बूथ लेवल आफिसर बैठेंगे और आवेदन लेंगे। इनका सत्यापन घर जाकर किया जाएगा। नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए आवेदन 30 नवंबर तक किए जा सकेंगे। 20 दिसंबर तक इनका निराकरण किया जाएगा और पांच जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। एक जनवरी 2022 को जो 18 वर्ष के होने वाले युवा मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए पात्र होंगे।
मध्य प्रदेश में मतदाता
कुल मतदाता
पांच करोड़ 30 लाख 64 हजार 142
पुरुष मतदाता
दो करोड़ 75 लाख 41 हजार 281
महिला मतदाता
दो करोड़ 55 लाख 221 हजार 381
अन्य
एक हजार 480










































