मवेशियों में फैल रही संक्रामक बीमारी

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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण समाप्त हो चुका है जिसके बाद छ: माह पूर्व एक नई संक्रामक बीमारी लम्पी वायरस ने क्षेत्र में मवेशियों को अपने चपेट में लिया था परन्तु उस पर भी कंट्रोल पा लिया गया था परन्तु अब वर्तमान समय में पुन: लम्पी वायरस बीमारी क्षेत्र में धीरे-धीरेे पैर पसारकर मवेशियों को अपनी चपेट में ले रहा है और कोरोना वायरस की तरह ही लंपी वायरस बीमारी की वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं हो पाई है लेकिन मवेशियों में फैली इस बीमारी का पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों व स्थानीय पशु चिकित्सकों के द्वारा आवश्यक दवायें देकर उपचार किया जा रहा है जिसमें यह बात सामने आ रही है जिन मवेशियों की प्रतिरोधात्मक क्षमता अधिक है वे जल्द स्वस्थ हो रहे है एवं कमजोर मवेशियों को स्वस्थ होने में अधिक समय लग रहा है, ऐसी स्थिति में पशु पालक अलग-अलग दवाओं से मवेशियों का इलाज करवाकर आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान हो रहे है। नगर मुख्यालय से लगभग ५ किमी. दूर ग्राम पंचायत खारी, मोहगांव ध., बुट्टा ह. सहित अन्य ग्रामों के मवेशी संक्रामक बीमारी लम्पी वायरस से ग्रसित है और धीरे-धीरे यह बीमारी बढ़ते जा रही है जिससे पशुपालक चिंतित नजर आ रहे है। लम्पी वायरस बीमारी कीटाणु जनित मौसमी संक्रामक बीमारी है जो एक पशु से दूसरे पशु के संपर्क में आने से फैल रही है जिसके चलते पशु चिकित्सकों की सलाह पर पशु पालकों के द्वारा अपने मवेशियों को घरों में ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रखा जा रहा है एवं मवेशियों को एक-दूसरे के संपर्क में आने से बचाया जा रहा है परन्तु इस लम्पी स्कीन बीमारी से मवेशियों की त्वचा में गांठ बन रही है, पैर में सुजन, खान-पान कम कर दे रहे है जिससे मवेशी कमजोर होकर चलने-फिरने में उन्हे परेशानी हो रही है। साथ ही नाक से पानी बहना और जोर-जोर से सांस लेना सहित अन्य तरह के लक्षण सामने आ रहे है। पशुपालकों ने बताया कि मवेशियों में नया संक्रामक बीमारी हो रही है और पशु चिकित्सक के द्वारा बताया जा रहा है कि यह लम्पी वायरस की बीमारी है और जिन मवेशियों में यह लक्षण है वे मवेशी खान-पान कम कर दिये है, शरीर पर गांठ बन रहे है और इस बीमारी से बचाव के लिये उनके द्वारा स्थानीय स्तर पर पशु चिकित्सकों से उपचार करवाया जा रहा है लेकिन बीमारी की रोकथाम नहीं हो पा रही है। क्षेत्र के पशुपालक वर्तमान में मवेशियों के शरीर में गांठे नजर आने एवं तेजी से इस बीमारी के फैलने से पशुपालक परेशान है। क्षेत्र के पशु पालकों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि जल्द पशु चिकित्सा विभाग द्वारा गांव-गांव में शिविर लगाकर आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाई जाये ताकि बीमारी पर रोकथाम लग सके। वहीं पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा भी जिन स्थानों पर लम्पी वायरस संक्रामक बीमारी के मवेशी होने की सूचना मिलने पर तत्काल पहुंचकर उपचार किया जा रहा है एवं पशु पालकों को उचित मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है।

चर्चा में पशु चिकित्सालय लालबर्रा के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश शील ने बताया कि लम्पी वायरस संक्रामक की बीमारी आज से डेढ़ वर्ष के बाद छ: माह पूर्व भी आया था उसके बाद लक्षण समाप्त हो गये थे परन्तु वर्तमान में कुछ ग्रामों में लम्पी स्कीन बीमारी स ग्रसित मवेशी सामने आये है जिसके बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा चुके है जो वैक्सीन उपलब्ध होगा उसे लगाया जायेगा। साथ ही यह भी बताया कि यह कीटाणुजनित संक्रामक बीमारी है जिससे ठीक होने पर ७ से १५ दिन लगता है और बीमारी के लक्ष्ण है कि मवेशी खाना बंद कर देता है, पैरों से सूजन, शरीर में गांढ होने लगते है परन्तु सभी मवेशी में एक सा सिम्ट नही आ रहे है अलग-अलग आ रहे है साथ ही ठीक भी हो रहे है। डॉ. शील ने बताया कि लम्पी वायरस संक्रामक बीमारी होने के लक्षण है कि मवेशी को तेज बुखार आना, खाना-पीना बंद कर देते है इसलिए सबसे पहले यहां जाने की किस कारण से फैल रहा है क्योंकि अगर किसी एक मवेशी बीमार है तो उसके संपर्क में आने से दूसरे मवेशी को भी होने लगता है इसलिए बीमार मवेशी से अन्य मवेशी को दूर रखना चाहिए और मवेशी स्वस्थ भी हो रहे है इसलिए पशुपालकों को घबराने की आवश्यकता नही है।

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