जिले में बसों के संचालन को लेकर दो एसोसिएशन के बीच पिछले कुछ दिनों से उपजा विवाद फिलहाल शांत नहीं हुआ है।लेकिन प्रशासन से मिले मौखिक आश्वासन पर जिला बस आपरेटर एसोसिएशन द्वारा रविवार शाम से शुरू की गई आनिश्चितकालीन हड़ताल महज 24 घंटे के भीतर ही वापस ले ली गई है। जहां हड़ताल वापस होते ही प्रशासन ने राहत की सांस ली है।तो वही हड़ताल खत्म होने के बाद भी यात्रियों की मुश्किलें कम नही हुई।उधर हड़ताल खत्म करने के एलान के साथ ही बस मालिकों द्वारा विभिन्न रूटो पर बसों का संचालन पूर्व की तरह शुरू करने की बात कही गई थी लेकिन हड़ताल खत्म होने और बसों का पुनः संचालन शुरू करने के एलान के बाद भी बसों के पहिए थमे रहे।जिससे विभिन्न रूटों पर बस से सफर करने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि हड़ताल के कारण कर्मचारियों की छुट्टी होने के चलते वे शाम को काम पर वापस नहीं लौटे। जिसके कारण हड़ताल खत्म होने के बाद भी बसों के पहिए जाम रहे तो वहीं अब मंगलवार सुबह से इन बसों का संचालन किया जाने की बात कही जा रही है ।
देर शाम हड़ताल खत्म करने का किया गया था ऐलान
आपको बताए कि शनिवार को रजेगांव में हुई एक घटना के विरोध में जिला बस आपरेटर एसोसिएशन द्वारा रविवार शाम से अनिश्चितकालीन हड़ताल किए जाने का ऐलान किया गया था। जिसमें संगठन के पदाधिकारियो ने ऑल इंडिया बस सर्विस महासंघ एसोसिएशन के पदाधिकारियो सदस्यों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन पर एफआईआर दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की थी। जहां मांग पूरी न होने तक उन्होंने सभी बसों के पहिए जाम कर अनिश्चितकालीन हड़ताल किए जाने की चेतावनी दी थी।लेकिन इस ऐलान के महज 24 घंटे बाद ही एसोसिएशन बैकफुट पर आ गया और प्रशासन से मिले मौखिक आश्वासन पर उन्होंने सोमवार की शाम हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया।जिला बस आपरेटर एसोसिएशन द्वारा हड़ताल वापस लेने का यह ऐलान सोमवार शाम को बस स्टैंड में एक बैठक का आयोजन कर लिया गया।जहां हड़ताल वापस लेकर बसों का संचालन शुरू करने की बात कहते हुए तत्काल पूर्व की भांति जिले भर में बसों का संचालन शुरू करने का भरोसा दिलाया गया था। एसोसिएशन द्वारा किए गए इस एलान से जहां एक ओर प्रशासन ने राहत की सांस ली है तो वहीं हड़ताल खत्म होने के बाद भी बसों का संचालन शुरू न होने से यात्रियों की परेशानियों में कोई कमी नहीं आई।यात्री देर रात्रि तक बस स्टैंड में बसे शुरू होने की राहत तकते नजर आए तो मजबूरी में उन्हें बसों की जगह ऑटो में महंगा किराया देकर सफर करना पड़ा। तो वहीं कई यात्रियों ने अपनी यात्रा ही रद्द कर दी।
इस वजह से थमे रहे बसों के पहिए, शुरू नहीं हुआ परिसंचालन
बताया जा रहा है हड़ताल के चलते सभी बस कंडक्टर ड्राइवर हेल्पर क्लीनर चेकर सहित स्टाफ छुट्टी पर चला गया था। लोकल सहित बाहर का स्टाफ होने के चलते देर शाम हड़ताल खत्म होने की जानकारी उन्हें नहीं मिल पाई। जिसके चलते स्टाफ वापस नहीं आया और बसों के थमे रहे।बताया यह भी जा रहा है कि रात्रि में ज्यादातर बसों का संचालन नहीं होता है वहीं हड़ताल की जानकारी मिलने पर सवारियां भी नहीं मिल रही थी जिसके चलते बसों का संचालन नहीं किया गया।बहरहाल इन बसों का संचालन अब मंगलवार की सुबह से टाइमिंग के अनुसार किए जाने की बात एसोसिएशन द्वारा कही जा रही है।
नगर में हड़ताल का दिखा व्यापक असर
दो एसोसिएशन के बीच बसों के संचालन को लेकर उपजे विवाद में जिला बस आपरेटर एसोसिएशन द्वारा रविवार शाम से शुरू की गई हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला।जहा इस हड़ताल के कारण रविवार शाम की तरह सोमवार को दिन भर यात्रियों को भारी परेशानियो का सामना करना पड़ा।जहां रविवार रात में लंबी दूरी तय कर बालाघाट पहुंचने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए बसें नहीं मिली। जिसको लेकर यात्री काफी परेशान होते रहे, तो वही दूर दराज़ से आने वाले वाली लोकल सवारी भी बसों को लेकर इधर-उधर भटकते नजर आई। इस दौरान ऐसे कई मरीज भी देखने को मिले जो इलाज कराने के लिए गोंदिया सहित अन्य स्थानों पर जाने या उपचार कराकर वापस आने के बाद अपने गंतव्य तक जाने के लिए परेशान होते रहे। लेकिन उसके लिए भी उन्हें बसे नहीं मिली।जिन्हे महाराष्ट्र राज्य से चलने वाली सरकारी बसों का लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा उकवा बैहर समनापुर गढ़ी परसवाड़ा सहित अन्य जगहों पर जाने वाले यात्रियों को खासी परेशानिया उठानी पड़ी।
यात्रियों को नही थी हड़ताल की जानकारी
ज्यादातर यात्रियों का मानना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी की बसों की हड़ताल चल रही है और ना ही इसकी सूचना किसी ने दी थी जिसके चलते वे बालाघाट बस स्टैंड पहुंचे हैं लेकिन यह आने पर अब उन्हें आगे जाने के लिए यात्री बसें नहीं मिल रही है।
यात्रियों की मजबूरी का ऑटो चालको ने जमकर उठाया फायदा,
उधर यात्री बसों की हड़ताल का ऑटो चालक जमकर फायदा उठाते नजर आए। जहां सवारियां ना मिलने का रोना रोने वाले ऑटो चालक हड़ताल के मौके पर यात्रियों से अधिक किराया वसूलने में जुटे रहे। यहां तक की हनुमान चौक तक जाने का किराया 200 रु तक ऑटो चालकों ने वसूला। तो वही मजबूरी का फायदा उठाते हुए डोंगरिया कॉलेज तक जाने के लिए 300 से 400 तक लेते नजर आए। इसके अलावा गोंदिया तक सवारी ढोने के लिए 800 से 1000 प्रति सवारी का चार्ज किया गया।हालांकि सरकारी बसों और सड़को पर दौड़ाई जा रही सेवा सूत्र बसों ने यात्रियों को काफी राहत पहुचाई है। जिससे उस रूट पर जाने वाले यात्रियों को थोड़ी राहत मिली है लेकिन ज्यादातर यात्री इस हड़ताल से परेशान नजर आए।तो कुछ लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जाते दिखाई दिए।इसके अलावा यात्री बस न चलने के कारण कुछ लोगों ने अपने परिजनों को दूरभाष पर मामले की जानकारी देकर घर से निजी वाहन मंगाकर आगे तक का सफर किया।