नगर में स्थित डॉ. बीआर आंबेडकर चौक पर महात्मा ज्योतिबा फुले बाबा साहब अंबेडकर जयंती समारोह समिति के तत्वाधान में 6 दिसंबर को शाम 6 बजे डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर बाबा साहेब अम्बेडकर का स्मरण किया गया। जिसमें सभी डॉक्टर अंबेडकर एवं तथागत गौतम बुद्ध के अनुयायी के द्वारा इस वर्ष मौसम की खराबी के कारण कैंडल मार्च नगर में नहीं निकल गया वह सभी अपने साधनों से सीधे डॉ. बीआर आंबेडकर चौक पर एकत्रित हुए जहां पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके समक्ष मोमबत्ती जलाकर त्रिशरण पंचशील का सामूहिक पाठ पढ़ा गया। वही बाबा साहब अमर रहे जैसे विभिन्न प्रकार के नारे लगाकर 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। समिति सचिव उत्तम मेश्राम ने पदमेश से चर्चा में बताया कि आज बाबा साहेब का महापरिनिर्वाण दिवस है आज के दिन 6 दिसंबर 1956 को महापरिनिर्वाण हुआ था तब से लगातार उन्हे याद करते आ रहे है। पुरी दुनिया में किसी को देख धर्मगुरू खड़े नही हुए केवल बाबा साहब को देखकर हुए, जब वह 1956 में बर्मा गये वहां विश्व बौध्द सम्मेलन में 5000 बौध्द भिक्षुओं ने आसन से उठकर प्रणाम किया और कहा कि बोधिसत्व है जिस कारण पुरा विश्व याद करता है। श्री मेश्राम ने बताया कि आज बौध्द विहारों में सुबह से पुजा अर्चना पंचशील का पाठ किया गया, गौतम बौध्द की शिक्षा पर संगोष्ठी विहारों में की गई। इस वर्ष मौसम खराब होने के कारण कैंडल मार्च नहीं निकल गया सभी अंबेडकर चौक में एकत्रित हुए जहां भारत रत्न संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मोमबत्ती जलाकर वंदना की गई। इस अवसर पर बौध्द अनुयायी मौजूद रहे।