मुख्यालय से लगभग ६ किमी. दूर ग्राम पंचायत खिर्री में आदिवासी बिंझवार समाज के द्वारा ९ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम जिला पंचायत बालाघाट पूर्व अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन के मुख्य आतिथ्य, आदिवासी बिंझवार समाज लालबर्रा अध्यक्ष कमलेश हट्टेवार की अध्यक्षता एवं जिला उपाध्यक्ष मुन्नालाल गौतम सहित अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर सर्वप्रथम उपस्थितजनों ने शहीद वीर नारायणसिंह, बाबा साहेब आंबेडकर के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया। इस अवसर उपस्थितजनों ने शहीद वीर नारायणसिंह के जीवन गाथाओं पर प्रकाश डालते हुए आदिवासी समाज के लोगों को जागरूक होकर अपने हक अधिकार की लड़ाई लडऩे के लिए संगठित होने एवं महापुरूषों के बताये मार्ग पर चलकर समाजोत्थान के क्षेत्र में करने करने प्रेरित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत पूर्व अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन ने उपस्थितजनों को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लक्ष्य बनाकर कोई भी कार्य करे सफलता अवश्य मिलेगी इसलिए आप लोग अपने बज्चों को अज्छी शिक्षा प्रदान करने के साथ ही सभी संगठित होकर महापुरूषों के बताये मार्ग पर चलकर समाजोत्थान के क्षेत्र में काम करें। श्रीमती बिसेन ने कहा कि सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाएं आदिवासी समाज के लोगों के लिए चलाई जा रही है जिसका लाभ भी मिल रहा है और हमारे भारत देश में आदिवासी समाज से रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति रहे चुके है जो हमारे लिए गौरव की बात है साथ ही यह भी कहा कि देश में लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी ने राज किया है परन्तु उन्होने आदिवासी समाज के लोगों को उज्च पद नही दिया परन्तु देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांव में रहने वाली आदिवासी महिला द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बना दिया है जो समाज के लिए गौरव की बात है इसलिए आप लोग भी आगे आकर समाज व विभिन्न क्षेत्रों में काम कर समाज व स्वयं का विकास कर सकते है इसलिए संगठित होकर काम करें सफलता अवश्य मिलेगी। श्रीमती बिसेन ने आदिवासी बिंझवार समाज के द्वारा आयोजित कार्यक्रम स्थल में सभामंच व मुर्ति स्थापित किये जाने की भी घोषणा की है। आदिवासी बिंझवार समाज के जिला उपाध्यक्ष मुन्नालाल गौतम ने बताया कि खिर्री में विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर विविध कार्यक्रम आयोजित कर साामाजिक बंधुओं को महापुरूषों के जीवन गाथाओं के बारे में जानकारी देकर संगठित होकर समाजोत्थान के क्षेत्र में काम करने प्रेरित किया गया। इस अवसर पर दीनदयाल हट्टेवार, राधेलाल घोटीवार, पवन निकुरे, महेन्द्र सहारे, धर्मेन्द्र सहारे, मिथुन घोटीवार, दिलीप घोटीवार, नारायण कावरे, राजेन्द्र हट्टेवार, मंगल सहारे, श्री निकुरे, सुरेश, श्रीराम, वर्षा कावरे, राधिका निकुरे, डिलेश्वरी चौधरी, छाया सहारे, च्योति हट्टेवार सहित अन्य आदिवासी बिंझवार समाज के स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे।