महामारी का रूप ले चुके हृदय रोगों से उबरने में योग मददगार : विशेषज्ञ

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विशेषज्ञों का कहना है कि योग से हृदय संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार हृदय रोग से पीड़ित लोगों की संख्या खराब जीवनशैली, व्यायाम की कमी, गलत आहार और तनाव की वजह से लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दशकों में भारत में हृदय रोग महामारी का रूप धारण कर सकते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ योग एंड मेडिटेशन (एएवाईएम) ने चेतावनी दी है कि आने वाले दशक में भारत हृदय संबंधी बीमारियों के मामले में सभी पश्चिमी देशों को पीछे छोड़ देगा।
एएवाईएम फिजिशियन, वैज्ञानिकों और अन्य शिक्षाविदों का गैर लाभकारी संगठन है, जो नियमित तौर पर डॉक्टरों को चिकित्सा में योग के इस्तेमाल को समझने के लिए प्रशिक्षण देता है। अमेरिकी अकादमी ने कहा कि भारत मधुमेह (डायबिटीज) और उच्च रक्तचाप के मामले में महामारी जैसी स्थिति का सामना कर रहा है और दुनिया की ‘हृदय रोग राजधानी’ बनने की ओर बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि एएवाईएम अपने सार्वजनिक मंच ‘गंगा मिसिसीपी संवाद’ के नाम से ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित कर रहा है, जिसमें यह रेखांकित किया जा रहा है कि हृदय रोगों को रोकने के लिए कैसे योग का इस्तेमाल किया जा सकता है। बयान में कहा गया कि हृदयघात, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और धमनियों के बाधित होना कुछ बीमारी हैं जिन्हें योग ये या तो रोका जा सकता है या कम किया जा सकता है।
बयान के मुताबिक 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को तीन अक्टूबर को अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रसारित किया जाएगा। स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (एस-व्यास) के संस्थापक कुलपति डॉ एच आर नगेंद्र ने कहा खराब जीवनशैली के चुनाव से वैश्विक स्तर पर हृदय संबंधी रोगों में अचानक बढ़ोतरी हुई है। यह संस्थान बीमारियों को ठीक करने के लिए योग का इस्तेमाल करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई सहित प्रमुख हस्तियों के योग सलाहकार डॉ नगेंद्र ने कहा तनाव मुख्य रूप से जानलेवा है और योग स्वत: तंत्रिका तंत्र को संतुलित कर तनाव और उसके खराब असर को दूर करता है।
मेम्फिस स्थित मेम्फिस विश्वविद्यालय से सबद्ध स्कूल ऑफ हेल्थ में प्रोफसर व वीए मेडिकल सेंटर में हृदय रोग विशेषज्ञ एवं कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ. इंद्रनील बसु राय ने कहा कि कई अनुसंधान पत्रों और वृहद विश्लेषण से हृदय रोग के खतरे से बचने में योग के सकारात्मक असर का पता चलता है। उन्होंने कहा इसलिए, नियमित योग करने से दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक, हृदयघात और धमनियों के बाधित होने के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। डॉ राय ने कहा एडवांस मोलिकुलर बायोलॉजी और इमेजिंग प्रौद्योगिकी ने स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है कि योग से तनाव पैदा करने वाले जीन की गतिविधि सीमित हो सकती है जो रक्त वाहिकाओं में तनाव बढ़ाता है और जिससे दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक और हृदयघात हो सकता है।
प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय योग संगठन आईएवाईटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. दिलीप सरकार ने कहा तनाव उच्च रक्तचाप और मधुमेह का मूल कारण है और दवा से इसमें सुधार हो सकता है लेकिन पूरी तरह से ठीक या लगाम योग और ध्यान के साथ जीवनशैली में बदलाव के साथ ही लगाई जा सकती है। नई दिल्ली के नजदीक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के हृदय सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. निर्मल गुप्ता ने कहा इस महामारी से होने वाली मौतों और पीड़ा से नियमित योग और ध्यान, कम वसा युक्त भोजन और तनाव मुक्त जीवनशैली अपना कर बचा जा सकता है।

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