देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस मामले पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी। इसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद थे। बैठक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए इस साल की चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया गया। आपको बता दें कि हेमकुंड साहिब की धार्मिक यात्रा पहले भी स्थगित हो चुकी है।Ads by Jagran.TV
हालांकि मंदिरों के कपाट अपने तय समय पर ही खोले जाएंगे। मंदिरों में पूर्जा-अर्चना भी होगी, लेकिन किसी भी श्रद्धालु को दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी। मई महीने में चारों धामों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। उत्तरकाशी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे। पवित्र धाम के कपाट खोलने के लिए 14 मई को अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से सुबह 11:45 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी।
विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को भक्तों के लिए खोले जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट खोलने के लिए भगवान भैरवनाथ की 13 मई को पूजा-अर्चना की जाएगी। बाबा केदार की चल विग्रह डोली पहले ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा विश्राम के लिए पहुंचेगी। ये 15 मई को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी, जहां 17 मई को सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। उत्तराखंड के गढवाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए इस साल 18 मई को खुलेंगे। जबकि, यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को खोले जाएंगे।
आपको बता दें कि केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, जो अगले साल फिर अप्रैल-मई में भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।










































