महिलाओं की अंतरराष्ट्रीय संधि से अलग हुआ तुर्की, समलैंगिकता को बनाया बहाना

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इस्तांबुल : तुर्की ने महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी एक अन्तराष्ट्रीय संधि से खुद को पीछे कर लिया है जिसे कि खुद उसकी ही राजधानी इस्तांबुल में ही साइन किया गया था. इसके विरोध में हजारों महिलाएं, महिला अधिकार समूह, LGBTQ समूह के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है. हालांकि तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि संधि से पीछे हटने का मतलब महिलाओं की सुरक्षा के लिए कदम पीछे करना नहीं है.
तुर्की अब आधिकारिक रूप से ‘काउंसिल ऑफ युरोप्स इंस्तांबुल कन्वेंशन (Council of Europe’s Istanbul Convention) से अलग हो गया है. हजारों महिलाओं ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करके अपनी नाराजगी जताई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी तुर्की के इस फैसले की आलोचना की है.
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि इससे महिला अधिकारों के साथ समझौता नहीं हो जाता. जैसे महिला अधिकारों की उनकी लड़ाई कन्वेंशन के शुरू होने से शुरू नहीं होती वैसे ही कन्वेंशन के खत्म होने से खत्म नहीं होगी.
इससे पहले मार्च महीने में ही राष्ट्रपति एर्दोगन ने अचानक एक डिक्री के माध्यम से कंवेशन में अपने देश की भागीदारी को खत्म कर दिया था, जिसका महिला अधिकार समूहों और पश्चिमी देशों ने जमकर विरोध किया था. एक अदालत ने भी सरकार से अपना फैसला वापस लेने की अपील की थी लेकिन उस अपील को हाल ही में रिजेक्ट कर दिया गया.
मार्च में तुर्की सरकार ने एक स्टेटमेंट जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि इस्तांबुल कन्वेंशन को उन लोगों द्वारा हाइजैक कर लिया गया है होमोसेक्सुअलिटी को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं जो कि तुर्की की सोशल और फैमिली वैल्यू के खिलाफ है.
 

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