पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत चुनाव में यदि कोई महिला निर्वाचित होकर सरपंच चुनकर आती है तो पंचायत चलने सहित पंचायत से संबंधित समस्त कार्यों के अधिकार महिला सरपंच को होते है। लेकिन बालाघाट जिले में ऐसी कई ग्राम पंचायतें हैं जहां सरपंच पद पर महिलाएं निर्वाचित हुई है। लेकिन उन पंचायत में महिला सरपंच के पति पंचायत चला रहे हैं। जो न केवल पंचायत के निर्माण कार्य देख रहे हैं बल्कि सरपंच ,सचिव, पंच और नोडल अधिकारी की बगैर उपस्थिति में गावो में आम सभा और बैठके लेकर पंचायत का संपूर्ण कार्य संभाल रहे हैं।एक ऐसा ही मामला जनपद पंचायत बालाघाट के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नगरवाड़ा के ग्राम चनेवाड़ा में सामने आया है। जहां बिना पूर्व सूचना, बिना मुनादी ,सरपंच,उपसरपंच ,पंच ,सचिव और नोडल अधिकारी के बिना ही सरपंच पति द्वारा ग्राम सभा की बैठक ली गई। जिसपर अपनी आपत्ति जताते हुए पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष सहित अन्य ग्रामीणों ने इसका विरोध किया है। जहां ग्रामीणों ने सरपंच पति पर पंचायत के कार्यों में हस्तक्षेप करने और स्वयं पंचायत चलाने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय में एक ज्ञापन सौपा है।जिसमें उन्होंने इस पूरे मामले की जांच कर मामले में वैधानिक कार्यवाही करने और पंचायत राज अधिनियम 1993 की अवहेलना करने पर पंचायत सचिव पर उचित कार्यवाही किए जाने की मांग की है ।
अपराध दर्ज कर,की जाए वैधानिक कार्यवाही- पूरनलाल ठाकरे
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान शिकायतकर्ता पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष पूरनलाल ठाकरे ने बताया कि ग्राम नगरवाड़ा के अंतर्गत ग्राम चनेवाड़ा है वहां महिला सरपंच के पति द्वारा ग्राम सभा ली गई है। उसमें सरपंच, उप सरपंच, पंच और नोडल अधिकारी उपस्थित नहीं थे। जबकि जिसने ग्राम सभा ली है उसका चनेवाड़ा की मतदाता सूची में नाम भी नहीं है और वह नगरवाड़ा का रहने वाला है। वही कोटवार ने भी ग्राम सभा की मुनादी नहीं कराई, इस बात की पुष्टि स्वयं कोटवार ने की है। गांव के लोगों ने उस ग्राम सभा का वीडियो बनाया है जो हमारे पास में है। हमने इसकी शिकायत कलेक्टर कार्यालय, जनपद पंचायत कार्यालय में ज्ञापन के माध्यम से दी है। हमारी मांग है कि उस व्यक्ति पर अपराध पंजीयन होना चाहिए और उसे पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि यह कार्य नियम के विरुद्ध है ।
तो निश्चित ही कार्यवाही की जाएगी- राजेश सोनवाने
वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जनपद पंचायत बालाघाट खंड पंचायत अधिकारी राजेश सोनवाने ने बताया कि हमारे पास ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत की है। हमारे कार्यालय से ग्राम सभा का एजेंडा निकला गया था। जिसमें शामिल होने के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए थे। हमें देखना है कि गांव में मुनादी हुई थी या नहीं हुई थी। या उस बैठक में नोडल अधिकारी थे या नहीं थे।यह जांच का विषय है ।उस ग्राम की मतदाता सूची में जिनका नाम है वही ग्राम सभा के सदस्य होते हैं। यदि बाहरी व्यक्ति बैठक में शामिल होंगे तो निश्चित ही मामले में कार्यवाही की जाएगी।