माउंट सोनब्लिक ऑस्ट्रियाई एप्स में एक ऐसा पहाड़ है, जो 10,190 फीट ऊंचा है। यहां एक साल में 20 मीटर से अधिक बर्फ पिघलती है। चोटी के पास की बर्फ सिर्फ गर्मियों में पिघलती है, लेकिन इस साल कुछ अप्रत्याशित हुआ। हर मौसम में बर्फ पिघलती हुई दर्ज की गई। वह भी बेहद तेजी से पिघल रहा है। माउंस सोनब्लिक ऑब्जरवेटरी ने जो डेटा रिकॉर्ड किया वह डराने वाला है। इस साल माउंट सोनब्लिक में पिछले वर्षों की तुलना में 1 महीने से अधिक समय तक बर्फ पिघली है। पिछले साल जून में माउंट सोनब्लिक ग्लेशियर 120 सेंटीमीटर पिघला था। जबकि महीने के अंत तक यह 307 सेंटीमीटर हो गया था। लेकिन इस साल यह घटकर 39 सेंटीमीटर पहुंच गया।
माउंट सोनब्लिक को पिघलने में सहारा मरुस्थल से आने वाली धूल की बड़ी भूमिका है। माउंट सोनब्लिक ग्लेशियर के पिघलने में गर्मियों का तापमान ही महत्वपूर्ण नहीं है। बल्कि सर्दियों के समय जमा होने वाली बर्फ की गहराई और मात्रा भी असर डालती है, अगर कम बर्फ गिरी तब जल्दी पिघलेगी। ज्यादा बर्फ है, तब पिघलने में समय ज्यादा लगेगा। इस साल पहले की अपेक्षा 40 दिन ज्यादा सहारा की धूल आई है और तापमान भी बढ़ा रहा। माउंट सोनब्लिक ऑब्जर्वेटरी इतने लंबे समय में तापमान, वर्षा और हिमपात का एक विश्वसनीय रिकॉर्ड तैयार कर रहा है। यह जलवायु वैज्ञानिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ है। खासकर तब जब इसने अपने ट्विटर अकाउंट से एक्सट्रीम टेम्परेचर अराउंड द वर्ल्ड ने लोगों को इसकी जानकारी देकर और सतर्क कर दिया। यही वजह है कि इस बार यूरोप में अधिक गर्मी महसूस की गई। जबकि जून महीने को दुनिया के सबसे गर्म महीनों में रिकॉर्ड किया गया।