मादक पदार्थ गांजा की जांच मैं डोंगरमाली पहुंची रजेगांव पुलिस टीम सस्पेंड

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बालाघाट रामपायली थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम डोंगरमाली में मादक पदार्थ गांजा की जांच में पहुंची पुलिस टीम द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण पुलिस अधीक्षक ने रजेगांव पुलिस चौकी प्रभारी शशांक राणा, प्रधान आरक्षक उमेश हरदे, आरक्षक नितिन बिसेन और आरक्षक प्रदीप चित्रिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर लाइन अटैच कर दिए। ज्ञात होगी मादक पदार्थ गांजा के मामलों की जांच राजपत्रित अधिकारी द्वारा की जाती है और घर की तलाशी पूछताछ भी राजपत्रित अधिकारी द्वारा ही की जाती है किंतु किरनापुर पुलिस थाने की रजेगांव का पुलिस चौकी प्रभारी शशांक राणा जो की उपरीक्षक है उनके मार्गदर्शन में प्रधान आरक्षक उमेश हरदे दो आरक्षक के साथ ग्राम डोंगरमाली के सरपंच मनोज लिल्हारे के घर पहुंच कर मादक पदार्थ गांजा जैसे गम्भीर मामले मे जहां घर की तलाशी ली गई वही सरपंच मनोज लिल्हारे से अभद्र व्यवहार किया गया।

जानकारी के मुताबिक 19 नवंबर को रजेगांव पुलिस चौकी क्षेत्र में आने वाले ग्राम खारा में रजेगांव पुलिस चौकी प्रभारी शशांक राणा ने अपनी टीम के साथ दबिश देकर एक 70 वर्षीय व्रद्ध को गिरफ्तार किया था। जिसके पास से करीब 400 ग्राम मादक पदार्थ गांजा जप्त किया गया था। गांजा की तादाद कम होने से इस व्रद्ध को धारा 8/20 एनडीपीसी एक्ट के तहत गिरफ्तार करके जमानत दे दी गई थी। पूछताछ में इस व्रद्ध ने मादक पदार्थ गांजा को संजय जगने वारासिवनी निवासी से खरीदना बताया था। चौकी प्रभारी शशांक राणा के मार्गदर्शन में प्रधान आरक्षक उमेश हरदे दो आरक्षक नितिन बिसेन और प्रदीप चित्रिव और वाहन चालक प्रमोद कनोजे के साथ सिविल ड्रैस में वारासिवनी पहुंचे और संबंधित पुलिस थाना को सूचना दिए बिना संजय जगने को वारासिवनी से उठाकर उसे लेकर डोंगरमाली सरपंच मनोज लिल्हारे के घर पहुंचे। इस पुलिस टीम ने सरपंच मनोज लिल्हारे के घर की जांच तलाशी ली वहीं सरपंच मनोज लिल्हारे के साथ अभद्र व्यवहार कर बैठे। जबकि ऐसे मामलों की पूछताछ जांच तलाशी राजपत्रित अधिकारी द्वारा की जाती है। प्रधान आरक्षक उमेश हरदे द्वारा सरपंच मनोज लिल्हारे से बोला गया कि रजेगांव गांव पुलिस चौकी में एक व्यक्ति गांजा के साथ पकड़ा है। वह व्यक्ति आपका नाम ले रहा है और वह गाड़ी में बैठा है। जब मनोज लिल्हारे गाड़ी में बैठे व्यक्ति संजय जगने के पास गया तब संजय जगने ने मनोज लिल्हारे को पहचाने से इनकार कर दिया। इसके पूर्व जब पुलिस गाड़ी सरपंच मनोज लिल्हारे के घर के सामने खड़ी की गई थी तभी वहां पर लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी। संजय जगने के द्वारा मनोज लिल्हारे को पहचानने से इनकार करने के बाद भीड़ आक्रोशित हो गई तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी। सरपंच मनोज लिल्हारे के ही द्वाराआक्रोशित लोगों को समझाइए देकर ग्रामीणों का आक्रोश गुस्से को शांत किया। अन्यथा एक बड़ी घटना हो सकती थी। खबर मिलते ही वारासिवनी खैरलांजी और रामपायली का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। जिन्होंने भी ग्रामीणों को समझाइस देकर उनका आक्रोश शांत किये। सरपंच मनोज लिल्हारे के द्वारा ग्रामीणों का आक्रोश शांत करवाने के बाद रजेगांव की इस पुलिस टीम को रवाना किया गया। 20 नवम्बर को पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने इस मामले में विभागीय कार्यवाही करते हुए रजेगांव पुलिस चौकी प्रभारी शशांक राणा, प्रधान आरक्षक उमेश हरदे, आरक्षक नितिन बिसेन ,आरक्षक प्रदीप चित्रिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उन्हें लाइन अटैच कर दिए हैं।

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