नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत मानपुर के बालाघाट रोड़ स्थित लॉन में श्री सत्य साई सेवा संगठन लालबर्रा के तत्वाधान में १२ फरवरी को जिला स्तरीय श्री सत्य साई भक्त सम्मेलन (साधना शिविर) का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम श्री सत्य साई सेवा समिति जिलाध्यक्ष अमित तिवारी सहित अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रारंभ हुआ जिसमें सर्वप्रथम उपस्थितजनों ने श्री सत्य साई बाबा के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण, तीन ओमकार, साई गायत्री एवं ध्वजारोहण के पश्चात गणपति प्रार्थना, शांति पाठ, स्वामी विडियों वेदपाठ किया। आयोजित जिला स्तरीय श्री सत्य साई भक्त सम्मेलन (साधना शिविर) में इंदौर से पहुंचे भजन प्रभारी श्रीमती पुष्पा खंडेलवाल, श्रीमती प्रीति किल्लेदार के द्वारा संगठन में अध्यात्मिक साधना का महत्व, छिंदवाड़ा की श्रीमती स्मिता पाठक के द्वारा इच्छाओं पर नियंत्रण, इंदौर की डॉ. माधवी पटेल के द्वारा नि:स्वार्थ सेवा, छिंदवाड़ा की सुश्री दीप्ति सिन्हा के द्वारा श्री सत्य साई बाल विकास की उत्पत्ति, विकास एवं विस्तार, सतना के सीएम सिंग राष्ट्रीय सेवा गतिविधि नारायण सेवा, श्रीमती अनिता धाकड़ ने राष्ट्रीय सेवा गतिविधि ग्राम सेवा में किस तरह से करना है उसकेमहत्व के बारे में जिलेभर से पहुंचे श्री सत्य साई सेवा समिति संगठन व भजन मंडली के पदाधिकारी, सदस्य व श्रध्दालुओं को विस्तार से जानकारी दी और श्री सत्य साई बाबा का जो संदेश है मानव सेवा ही माधव सेवा है, सबसे प्रेम करों, सबकी सेवा करों इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने एवं आध्यात्मिक ज्ञान के साथ ही सत्य के मार्ग पर चलने की बात कही गई। चर्चा में श्री सत्य साई सेवा समिति जिलाध्यक्ष अमित तिवारी ने बताया कि लालबर्रा में श्री सत्य साई संगठन का जिला स्तरीय श्री सत्य साई भक्त सम्मेलन (साधना शिविर) का आयोजन किया गया जिसमें जिलेभर की समिति, भजन मंडली के पदाधिकारी व सदस्यगण पहुंचे है जिन्हे बाबा ने सन् १९६५ में जो संगठन बनाया गया है उसे कैसे बनाया गया है ,संगठन की गतिविधियों के तहत कौन कौन से कार्य किये जाते है उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। श्री तिवारी ने बताया कि श्री सत्य साई बाबा का संदेश है कि मानव सेवा ही माधव सेवा है सबसे प्रेम करों, सबकी सेवा करों, हम तो कही न कही सेवा करते है लेकिन सेवा के साथ में कही न कही अहंकार आ जाता है इसलिए सभी को नि:स्वार्थ भाव से सेवा कैसे करना चाहिए और बाल विकास के माध्यम से बच्चों में नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा, संस्कार कैसे दे सकते है उसके बारे में जानकारी दी गई है ताकि अपने जीवन को सुखमय बना सके।