वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कोस्ते से मदनपुर सडक़ बीते करीब २ वर्ष पूर्व स्वीकृत होना बताया जा रहा है। किंतु वर्तमान में यह सडक़ खस्ताहाल में पड़ी हुई है जहां निर्माण को लेकर ठेकेदार के द्वारा गिट्टी तो डाल दी गई है वह भी आधे रास्ते तक डाली है। जिसके बाद मार्ग में बड़े.बड़े गड्ढे और कीचड़ से पूरा मार्ग सराबोर पड़ा हुआ है। ऐसे में उक्त मार्ग का उपयोग करने वाले किसान एवं राहगीरों को कई प्रकार की समस्या मार्ग में आ रही है। जहां आवागमन भी मुश्किल होता नजर आ रहा है वहीं दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कोस्ते के प्रारंभ में ही एक मार्ग महाराजपुर के लिए निकलता है जिसका उपयोग कोस्ते ,महाराजपुर सहित आसपास के ग्रामीण कासपुर होते हुए बालाघाट जाने के लिए उपयोग करते हैं। तो वहीं बड़ी संख्या में मार्ग किनारे लोगों की खेती भूमि स्थित है अभी खरीफ का सीजन प्रारंभ होने से खेती कार्य चालू हो गया है। जहां किसानों के द्वारा बैलगाडी ले जाना या मवेशियों को सडक़ पर चलना दिक्कत का विषय बना हुआ है। रोड़ पर पड़ी गिट्टी मवेशियों के पैर में घाव कर रही है तो वहीं मोटरसाइकिल भी आवागमन के समय स्लिप होने से दुर्घटना ग्रस्त हो रही है। जबकि मार्ग निर्माण के लिए दो वर्ष पूर्व ही स्वीकृति मिल चुकी है जिसका निर्माण करने की जगह आधे रास्ते गिट्टी बिछा दी गई है उसके बाद कोई कार्य नहीं किया गया है। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफ ी आक्रोश व्याप्त है।
२ वर्ष से है मार्ग का अधूरा पड़ा है निर्माण कार्य-रूपचंद ठाकरे
ग्रामीण रूपचंद ठाकरे एवं सत्तू बिसेन ने बताया कि कोस्ते से मदनपुर मार्ग है जिस पर गिट्टी बिछा दी गई है। हमारे बैल इस पर चल नहीं पा रहे हैं गिट्टी उनके पैरों में गढ़ रही है अभी बारिश और खेती का मौसम चल रहा है ट्रैक्टर के आने जाने से बहुत ज्यादा कीचड़ हो गया है। यहां भी गड्ढे हो रहे हैं २ वर्षों से यह समस्या बनी हुई है सडक़ यहां पर नहीं बनाई गई है। आने.जाने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है कीचड़ भी हो गया है हर किसी को समस्या है। रोड़ के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी स्पष्ट नहीं है कि कि लागत कितनी है किस मद से बननी है रोड़ के ठेकेदार का भी कोई पता नहीं है। अभी बीच में जानकारी हमें लगी की कोई दहीकर को यह काम दिया गया है २ वर्ष से मार्ग का काम चालू है। यहां समस्या लोगों को बनी हुई है किसान और राहगीर सभी परेशान है। यहां से लोग सीधे बालाघाट के लिए आना जाना करते हैं क्षेत्र के क्योंकि वारासिवनी होते हुए करीब ५ किलोमीटर से अधिक का फेर पड़ता है इसलिए यहां से बाईपास के रूप में लोग आना जाना करते हैं। हमारी मांग हैं की इसका जल्द निर्माण किया जाना चाहिए।
इनका कहना है दूरभाष पर चर्चा में बताया कि यह मार्ग दो भागों में निर्माण किया जाना है जो खनिज मद से हैं जिसके लिए मौके पर अर्थ वर्क का कार्य कर दिया गया है। अब मार्ग का डामरीकरण और साइड सोल्डर का काम बचा हुआ है जो बरसात के कारण बंद है। बारिश का मौसम खत्म होते ही यह भी कार्य जल्द करवा दिया जायेगा।
सिद्धार्थ जैन एसडीओ पीडब्लूडी वारासिवनी
बाइट रूपचंद ठाकरे ग्रामीण
सत्तू बिसेन ग्रामीण