मध्यप्रदेश शासन द्वारा सिंचाई विभाग की वर्षों से खाली पड़ी जमीन को बेचने की योजना बनाई गई है इस कड़ी में सिंचाई विभाग से उन जमीनों की सूची मांगी गई है। जो बरसों से भी काम की है मतलब साफ है कि आगामी दिनों में सिंचाई विभाग की ऐसी जमीन जो खाली है उसे शासन भेज देगी और उससे करोड़ों अरबों रुपए का मुनाफा कब आएगी।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने चर्चा के दौरान इस बात की जानकारी दी कि बीते दिनों मध्यप्रदेश शासन लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा खाली पड़ी जमीन का वर्षों से उपयोग नहीं हो रहा है उसकी सूची मांगी गई थी। इसी कड़ी में जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर कर की स्थिति जमीन को एक करोड रुपए बेचने की योजना बनाई गई।
इस विषय पर जानकारी ली कि सिंचाई विभाग ने कितनी और ऐसी जमीन को मध्यप्रदेश लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग को भेजी है तो उन्होंने इसे गोपी जानकारी बताते हुए इस बात का खुलासा नहीं किया लेकिन हमें जो जानकारी मिली उसमें हमें पता चला कि सिंचाई विभाग द्वारा एक दर्जन से ऐसी जमीन की सूची भेजी गई है जो वर्षों से खाली पड़ी है मतलब साफ है कि आगामी दिनों में एक-एक करके शासन ऐसी जमीनों को बेचना शुरू करेगा।
लेकिन वही दूसरा सवाल यह भी उठ रहा है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा आखिरकार सिंचाई विभाग की जमीन पर क्यों पैनी नजर रखी गई है। क्यों उसकी जमीन को बेचा जा रहा है? आपको बता दें कि जिन जमीनों को सिंचाई विभाग बेचने की तैयारी कर रही है। उनमें से अधिकांश नहर की सुरक्षा और विभागीय अधिकारियों की समीक्षा या फिर मेंटेनेंस कार्य के दौरान सामग्री अन्य उपकरण रखने की बहुत अधिक उपयोगी जमीन मानी जाती रही है।
ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा सिंचाई विभाग की जमीनों को ही भेजने की तैयारी की गई है इसके पूर्व आयकर विभाग की एक जमीन को भी जिला मुख्यालय में बेचा गया है। इससे साफ है कि आगामी दिनों में यदि सिंचाई विभाग के अलावा अन्य किसी विभाग की खाली पड़ी जमीन को मध्यप्रदेश शासन भेज दे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी इसके पीछे बड़ी वजह मध्यप्रदेश शासन की माली हालत खराब होना और बढ़ते खर्चों को बताया जा रहा है।
चलिए मध्यप्रदेश शासन की उस बात पर नजर डालते हैं जो मध्य प्रदेश शासन के माली हालत खराब होने के आंकड़ों को थोड़ा बहुत झूठ लाते हैं? आपको बता दें कि मध्य प्रदेश शासन पूरे देश में सबसे महंगा पेट्रोल बेचती है।
पेट्रोल पर वैट टैक्स के नाम पर जमकर कमाई होती है यही नहीं सरकार अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए और कच्ची शराब के अवैध काम पर रोक लगाने के लिए बीते दिनों शराब के दाम में गिरावट की जिससे उसकी बिक्री भी बढ़ गई। इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन को जमीन की खरीदी बिक्री से मोटी कमाई हो रही है। वहीं खाद्य सामग्री पर लगने वाले टैक्स से भी जमकर कमाई हो रही है।
जिससे शासन का खजाना रोजाना भर रहा है लेकिन दूसरी और मध्यप्रदेश शासन माली हालात का हवाला देकर सरकारी जमीनों को बेचने जा रही है।