बॉलीवुड के मशहूर फिल्म एक्टर पिछले 14 दिनों से अपने गांव बेलसंड में है। पिता के निधन के बाद से ही वे अपने गांव में है। यहां 1 सितंबर को पिता का श्राद्धकर्म सम्पन्न किया। श्राद्धकर्म से पहले वे पिता की अस्थियों को बनारस स्थित गंगा में बहाया था। वाराणसी से लौटने के बाद वे अपने गांव में ही अपने बचपन के स्कूल को संवारने में लगे हुए हैं।
पंकज त्रिपाठी और बड़े भाई बिजेंद्र तिवारी, भतीजे मदेश तिवारी ने मिलकर स्कूल में एक लाइब्रेरी की स्थापना की है। इस लाइब्रेरी में रोचक कहानी की किताबें, प्रेरणादायक किताबे और अन्य सिलेबस से जुड़ी किताबो का संग्रह किया गया है। फिलहाल बहरहाल पंकज त्रिपाठी अपने पिता के श्राद्धकर्म को सम्पन्न करने के बाद आज रविवार को सपरिवार मुम्बई लौट गए है।
मुम्बई लौटने से पूर्व पंकज त्रिपाठी अपने गांव के मिडल स्कूल में पहुंचे। यहां बच्चों पढ़ाई के टिप्स दिए। स्कूल में और बेहतर व्यवस्था करने को लेकर बच्चो से और स्कूल प्रबंधन से बारी बारी से बात की। इसी के साथ सरकारी स्कूल में बच्चों को लाइब्रेरी की सौगात दी।
पकंज त्रिपाठी ने स्कूल पर क्या बोला
Omg2 एक्टर पंकज त्रिपाठी ने कहा कि बचपन से वे इसी स्कूल में पढ़े। फिर पढ़ाई पूरा करने पटना गए। वहां से फिर वे मुंबई में चले गए। लेकिन उन्हें जब भी समय मिलता है। वे अपने गांव में आते हैं। उनका सामाजिक दायित्व भी है कि वे अपने गांव के स्कूल को डेवलप करें। बच्चों को एक बेहतर शिक्षा का माहौल उपलब्ध कराएं। इसलिए वे यहां हर बेहतर व्यवस्था करना चाहते हैं। जिससे इस गांव के बच्चो में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ें।