मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए छत्तीसगढ़ से मंगाई गई थी लस्सी

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पिछले कुछ वर्षों से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सुर्खियां बटोर रहा डबल मनी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां इस मामले का खुलासा हुए लंबा समय बीत चुका है बावजूद इसके भी अब तक निवेशकों को निवेश की रकम नहीं मिल पाई है। वही इस मामले की सीबीआई जांच करने की बात पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ द्वारा कहकर डबल मनी के इस मामले को एक बार फिर हवा दे दी गई है। जिस पर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है ।जहां उन्होंने इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर दीपक आर्य, वर्तमान कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा, तत्काल एसपी अभिषेक तिवारी, वर्तमान एसपी समीर सौरभ, आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे, तत्काल ज़िला भाजपा अध्यक्ष रमेश भटेरे से लेकरअन्य भाजपाई, और शासन प्रशासन के पदाधिकारी सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी डबल मनी के इस मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है।जिन्होंने इस मामले में करोड़ो रुपयो की हेरा फेरी किए जाने की बात कहते हुए सीबीआई जांच के पूर्व वर्तमान कलेक्टर और एसपी को बालाघाट से तत्काल हटाकर मामले की जांच कराए जाने की मांग की है। जिन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यह सभी लोग जांच में हस्तक्षेप कर सकते हैं और यह सभी लोग मामले में संदिग्ध हैं। इसीलिए सीबीआई जांच के पूर्व इन्हें हटाया जाना चाहिए।वही मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। जहां डबल मनी के इस मामले में बिना सर्च वारंट और बिना वीडियो ग्राफी के की गई कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए श्री मुंजारे ने प्रशासनिक अधिकारियों पर 80 करोड रुपए की हेरा फेरी करने का भी आरोप लगाया है। यह तमाम आरोप पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने शनिवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान लगाए हैं जिन्होंने इसे एक बड़ा घोटाला बताते हुए स्थानीय शासन प्रशासन से लेकर सत्ता पक्ष और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए इस पूरे मामले की वैधानिक जांच कर कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

सोमेंद्र ने उठाया था मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का खर्च छत्तीसगढ़ से मंगाई गई थी स्पेशल लस्सी
आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने बताया कि डबल मनी वाले मामले का हजारों किसान मजदूर छोटे कर्मचारी शिकार हुए हैं लोगों को उनके पैसे वापस नहीं किया जा रहे हैं। इसमें सत्ता पक्ष और शासन प्रशासन की मिली भगत से बड़ा घोटाला किया गया है। उन्होंने बताया कि बेलगांव में भाजपा के तत्कालीन जिला अध्यक्ष रमेश भटेरे के घर के पास ही डबल मनी का यह धंधा फल फूल रहा था।जिसकी उन्हें पूरी जानकारी थी,भाजपा के पदाधिकारियों भाजपा के मंत्रीयो सबको सब कुछ मालूम था ,काम बीजेपी की सरकार में हुआ तो फिर इस पर रोक क्यों नहीं लगाई गई। उन्होंने बताया कि मैंने सर्वप्रथम इस मामले में 17 मई और 1 जून 2022 को मुद्दा उठाकर मामले की सीबीआई जांच करने की मांग की थी। लेकिन मामले की सीबीआई जांच नहीं कराई गई। जब यहां मामला सुर्खियों में आया तो तत्कालीन कलेक्टर दीपक आर्य ,पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी और भाजपा के कई पदाधिकारी सोमेंद्र के घर गए थे उनके साथ बैठक की थी बाद में इस मामले की एसपी और कलेक्टर ने जांच पड़ताल भी की। बावजूद उसके भी यह धंधा चला रहा था। इस मामले में इन्होंने भी सोमेंद्र से करोड़ों रुपए लिए हैं डबल मनी के इस मामले में शासन प्रशासन और भाजपा के लोग इंवॉल्व हैं। जब मुख्यमंत्री किरनापुर आए थे तो वहां कार्यक्रम का पूरा खर्च सोमेंद्र कंकराने ने उठाया था, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए छत्तीसगढ़ से स्पेशल लस्सी मंगाई गई थी इसकी भी जांच होनी चाहिए

भाजपाइयों ने 300 करोड़ की मांग की थी नहीं दिया तो छापा डलवा दिया
श्री मुंजारे ने आगे बताया कि डबल मनी वाले इस मामले में स्थानीय भाजपा पदाधिकारी ने सोमेंद्र से 300 करोड रुपए की मांग की थी लेकिन सोमेंद्र ने उनकी मांग पूरी नहीं की इसीलिए उन्होंने छापा डलवा दिया। आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे और उनके गुर्गे भी इस मामले में शामिल है। आयुष मंत्री के भाई कुमार कावरे, शर्मा और एक अन्य ने डबल मनी के दूसरे आरोपी हेमराज आमाड़ारे का अपहरण किया था। उसे खेत में खेत में छिपा कर रखा गया था। जिसकी शिकायत आरोपी की मां और पिता ने पुलिस से की थी। बावजूद इसके भी पुलिस ने अपराहन वाले मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस भी इन भाजपाइयों का सहयोग कर रही थी। यह सभी लोग मिले हुए थे यह मामला 2000 करोड़ से अधिक का है ।महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 2000 से अधिक पुलिस कर्मचारी ने भी इस मामले में पैसा लगाया है उन्होंने जीपीएस और सर्विस लोन से पैसा निकाले थे यह पैसा एसपी की अनुमति से निकाला जाता है एसपी ने स्वयं उन्हें पैसा निकालने की अनुमति दी थी इसकी भी जांच होनी चाहिए।

बिना सर्च वारंट और बिना वीडियोग्राफी के कार्यवाही कर 80 करोड रुपए की कारी हेरा फेरी
श्री मुंजारे ने आगे बताया कि तत्कालीन एसपी अभिषेक तिवारी के जाने के बाद जब समीर सौरभ एसपी बनकर आए तो उन्होंने बगैर वारंट के छापा मार कार्यवाही की, छापामार कार्रवाई की वीडियो ग्राफी भी नहीं कराई गई। हमें पता चला है कि छापामार कार्यवाही के दौरान वहां 90 करोड रुपए थे। लेकिन इन्होंने केवल 10 करोड रुपए की जप्ती दिखाई। गांव में किसी भी लोगों के हस्ताक्षर पंचनामें में नहीं लिए, यहां तक कि आरोपी के परिजनों की भी दस्तक नहीं लिए गए। हमें पता चला है कि पुलिस ने इस मामले में भाजपायों के साथ मिलकर 80 करोड रुपए की हेराफेरी की है।

मामले में एसपी खुद संदिग्ध है
श्री मुंजारे ने पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने पत्रकार वार्ता की है जिसमें उन्होंने बताया है की डबल मनी के इस मामले में उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की थी। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। जबकि एसपी को इसका कोई अधिकार नहीं है। एसपी खुद इस मामले में जांच के दायरे में है यदि सीबीआई जांच की पत्रकार वार्ता लेना था तो भोपाल में होना था गृहमंत्री द्वारा ली जानी थी यह एक बड़ा घोटाला है।एसपी के ऊपर भी गंभीर आरोप है एसपी को सीबीआई जांच करने की मांग करने का अधिकार नहीं है। कलेक्टर भी नहीं बोल सकता कि मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। तो इन्होंने मामले की सीबीआई जांच के लिए कैसे कह दिया।इस मामले में दोनों एसपी, दोनों कलेक्टर आयुष मंत्री और उनके गुर्गे सभी जांच के दायरे में है इसीलिए सीबीआई जांच के दौरान एसपी कलेक्टर को यहां से हटना चाहिए। ताकि मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच हो सके।

रेत चोरी की जानकारी देने पर कक्षा 12वीं के छात्र को भेजा जेल
श्री मुंजारे ने आगे बताया की राजा लिल्हारे ने पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ को व्हाट्सएप मैसेज किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि बोनकट्टा कटंगी मे रेत चोरी हो रही है। उसके वीडियो और फोटो भी एसपी के मोबाइल नंबर पर भेजे थे। इस पर एसपी ने कोई कार्यवाही नहीं की। राजा लिल्हारे ने उस पोस्ट में एसपी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए थे ।वही रेत चोरी के इस मामले में एसपी के भी संदिग्ध होने की बात कही थी। इस पर एसपी ने राजा लिल्हारे का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया था। जिस पर राजा लिल्हारे ने भटेरा के एक युवक कक्षा 12वीं के छात्र राधेश्याम रनगिरे के मोबाइल से एसपी को पोस्ट कर धन्यवाद दिया और कहा था कि अगर आप में जन सेवा और देशभक्त हो तो मामले में कार्यवाही करें। इस पर एसपी के इशारे पर कक्षा 12वीं के छात्र राधेश्याम को पुलिस ने उठा लिया और उस पर धारा 151 के तहत कार्यवाही कर उसे जेल भेज दिया।उसे थाने में दिनभर टॉर्चर किया गया जबकि पोस्ट राजा लिल्हारे ने राधेश्याम के मोबाइल से की थी। यदि पोस्ट की थी तो उसपर 151 की धारा नहीं लगती शांति भंग करने का मामला नहीं बनता। लेकिन उनकी इस पोस्ट से समीर सौरभ की दिमाग की शांति भंग हो गई थी। इसीलिए उन्होंने उसे युवक पर कार्यवाही की। उस युवक को थाने में शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान किया गया। जब उसके पिता उसे नास्ता देने गए तो युवक को नास्ता करने भी नहीं दिया गया ।जिससे उसे वही चक्कर आ गए थे।उसे एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया लेकिन जमानत नहीं दी गई और उसे जेल भेज दिया गया। बाद में उसे जमानत मिल पाई जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था की रेत चोरी करने वालों को 100 फीट गड्ढे में डाल दूंगा फिर भी रेत माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।बोनकट्टा में आज भी डंफरों से रेत चोरी हो रही है।

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