मूल जमीन मालिक के बिना ही बिक गई ११ एकड़ जमीन

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत वारा स्थित आदिवासी की जमीन की अफ रा तफ री करने का मामला प्रकाश में आया है। यह जमीन ईश्वरी टेकाम की थी जिसके बिना ही दूसरे लोगों के द्वारा जमीन को अपने नाम कर खरीदी बिक्री कर ली गई। यह जिले का एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें आदिवासी की १०.७३ एकड़ जमीन की खरीदी बिक्री कर ली गई है । बिना जमीन के मूल मालिक के जिसको लेकर २२ जून को आदिवासी समाज की बैठक आयोजित की गई। जिनके द्वारा सडक़ पर लड़ाई लड़ कर इस प्रकार आदिवासियों पर किए गए अन्य अत्याचार के खिलाफ आंदोलन करने वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करने और ईश्वरी टेकाम को न्याय दिलाने की बात कही गई है।

यह हैं मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत वारा अंतर्गत मदनपुर रोड़ पर शिवधाम मोहल्ले के किनारे ईश्वरी टेकाम की १०.७३ एकड़ जमीन स्थित थी। जो १९८३ के बंटवारे में उनके ससुर के नाम आई थी जिनकी मौत के बाद यह जमीन १९९७ में उनके ससुर की इकलौती संतान उनकी पत्नी के नाम हुई थी। और वर्ष २०२२ में उनकी पत्नी की मौत के बाद यह जमीन ईश्वरी टेकाम और उनके बच्चों के नाम पर दर्ज थी। जिसमें १९८३ के बंटवारे को वरकड़े परिवार के द्वारा एसडीएम की कोर्ट में चैलेंज किया गया था जहां पर उक्त व्यक्ति का अवैध कब्जा बताया गया था। जिसमें एसडीएम के द्वारा १९८३ का बटवारा खारिज कर तहसीलदार की कोर्ट में यह प्रकरण भेज दिया गया था। जिसमें तहसीलदार के द्वारा १३ जून को मामले में ईश्वरी टेकाम और उनके बच्चों का नाम हटाकर वरकड़े परिवार का नाम चढ़ा दिया गया। जबकि तहसीलदार इमरान मंसूरी का १० जून को स्थानांतरण हो चुका था । ऐसे में १३ जून को आदेश के बाद १४ जून को वरकड़े परिवार का नाम चढ़ा और १७ जून को जमीन की रजिस्ट्री हो गई। जिसमें जमीन मालिक को रजिस्ट्री की जानकारी ही उनके मोबाइल पर आए मैसेज से पता चला तो उन्होंने तत्काल समाज के लोगों को जानकारी देकर एसडीएम के यहाँ नामांतरण पर रोक लगाने के लिए शिकायत की है। वहीं प्रशासन पर उनका पक्ष नहीं सुनने के साथ ही किसी प्रकार का नोटिस भी ना जारी करने का आरोप लगाया है। जिसमें उनके द्वारा समाज के लोगों को घटना की जानकारी दी गई । जिस पर समाज के गणमान्य नागरिकों के द्वारा २२ जून को बैठक कर आदिवासी परिवार पर हुए इस अन्याय अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लडऩे के लिए रूपरेखा तैयार की गई। वहीं जरूरत पडऩे पर महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार तक जाने की बात कही गई है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

महिला के पिछे दुसरे लोगो ने जमीन हड़प कर अफरा तफरी कर दी-ईश्वरी टेकाम

जमीन मालिक ईश्वरी टेकाम ने बताया कि मेरी जमीन का विषय है जिसके लिए सामाजिक लोगों को मैंने बुलाया था कि मेरी जमीन की अफ रा तफ री कर दी गई है। हमारा प्रकरण तहसील में चल रहा था फि र क्या हुआ पता नहीं रजिस्ट्री हो गई। हमारी जमीन की यह कैसे हुई मुझे समझ नहीं आ रहा है। तहसील का नोटिस भी नहीं मिला और कोई जानकारी भी नहीं मिली हमारे खसरे से नाम को हटा दिया गया और नए नाम जोडक़र रजिस्ट्री कर दी गई है। यह जमीन पहले मेरे ससुर के नाम पर थी फि र मेरी पत्नी और २०२२ में यह हमारे नाम पर आई थी करीब ११ एकड़ जमीन है। हमारा प्रकरण एसडीएम के यहां चल रहा था सनुलाबाई वरकड़े, मनोज वरकड़े,दिनेश वरकड़े ,विनोद वरकड़े,आसनबाई वरकड़े धन्नु वरकड़े ने हमारा नाम दर्ज करो कहा था जबकि उनका कोई अधिकार नहीं है हमारा पक्ष बिना सुने यह किया गया है। रजिस्ट्री सीताबाई उइके जामखारी खैरलाँजी की रहने वाली है उसके नाम की गई है । वह बहुत गरीब महिला है उसके पीछे किसी दूसरों ने यह जमीन खरीदे हैं। हम इसके लिए आगे जिला कलेक्टर के पास जाकर अपना हक लेंगे तहसील में हमने आपत्ती लगाए हैं।

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