कायदी में हुये यशवंत माहुले कथित मर्डर केस मामलें में ५ नवंबर को उनकी पत्नी व कुछ ग्रामवासियों ने अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अरविंद श्रीवास्तव से मुलाकात की साथ ही पीडि़त वर्ग ने स्थानीय थाना प्रभारी एसएस चौहान से भी मुलाकात कर उन्हे वास्तु स्थिति से अवगत कराया और न्याय दिलाये जाने की मांग की। इस दौरान आधा दर्जन ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहां कि पुलिस ने हमें १५ दिन के भीतर आरोपियों को पकडऩे का आश्वासन दिया था। मगर अब २० दिन से ज्यादा हो गये है। ऐसे में हमें न्याय नहीं मिल पा रहा है। जिसको लेकर ही हम आज अनुविभागीय अधिकारी पुलिस व थाना प्रभारी के समक्ष उपस्थित होकर उनसे यह जानकारी लेने आये है कि अभी तक पुलिस ने क्या कार्यवाही की है।
शीघ्र हो खुलासा कौन है मेरे पति की मौत के जिम्मेदार – पुस्तकला
पद्मेश को जानकारी देते हुये मृतक की पत्नी पुस्तकला माहुले ने बताया कि हमारे व ग्रामीणों के द्वारा तीन हफते पूर्व वारासिवनी कायदी मार्ग पर चक्काजाम कर मेरे पति की मौत के जिम्मेदारों को पकडऩे की मांग की थी। जिस पर पुलिस अधिकारियों ने उन्हे आश्वासन दिया था कि १५ दिन के भीतर इस मामलें में आरोपियों को पकड़ लिया जायेगा। लेकिन आज ३ सप्ताह हो गये है मगर किसी प्रकार की कार्यवाही नही हुई है। इसी बात को लेकर हमने एसडीओपी व थाना प्रभारी से मुलाकात की है। जिन्होने हमें कुछ और महुलत देने की बात कहीं है। इसी लिये हम लोग वारासिवनी आये थे।
हाईकोर्ट में करेंगे परिवाद पेश – धरमसिंह
इसी मामलें में पूर्व जनपद सदस्य धरम सिंह ठाकुर ने पद्मेश को बताया कि यह ग्राम का गंभीर मामला है। हम लोग चाहते है कि स्वर्गीय यशवंत माहुले की संदिग्ध मौत की निष्पक्ष जॉच पुलिस करे। हालांकि हम लोग शीघ्र ही हाईकोर्ट जबलपुर में परिवाद भी पेश करने वाले है। जिस तरह से यशवंत का शव मिला है निश्चित ही उसकी हत्या की गई है। अब पुलिस को मुस्तैदी से जॉच कर उसकी मृत्यु में शामिल लोगों की धरपकड़ करनी चाहिये। इसी उददेश्य को लेकर हम लोग आज अनुविभागीय अधिकारी पुलिस व थाना प्रभारी के समक्ष आये है। जिन्होने कुछ दिन की और मोहलत मांगी है। अगर इस मोहलत के दौरान पुलिस ने आरोपियों को नही पकड़ा तो निश्चित ही हमें पुन: चक्काजाम करना पड़ेगा।
इनका कहना है –
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अरविंद श्रीवास्तव ने अनौपचारिक चर्चा में बताया कि यशवंत माहुले व उनके कुछ करीबी लोग उनसे मिलने आये थे। जिस पर उन्होने उन्हे आश्वस्त किया है कि शीघ्र ही मामलें का पटाक्षेप होगा। हमें कुछ समय दे दिये जिसके बाद वे लोग चले गये। हम इस मामलें को काफी गंभीरता से ले रहे है।