नगर मुख्यालय की ग्राम पंचायत पांढरवानी लालबर्रा के वार्ड नं. १३ निवासी ललकू बाहेश्वर के घर की पालतु भैंस की १६ सितंबर को दोपहर ३ बजे मौत हो गई थी परन्तु मवेशी मालिक के द्वारा उसे दफन न करते हुए दो दिनों तक अपने घर पर ही रखा गया था और मृत भैंस की दुर्गंध से वार्डवासियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वार्डवासियों के द्वारा बार-बार ललकू बाहेश्वर को मृत भैंस को दफन करवाने की मांग कर रहे थे परन्तु उसके द्वारा दफन नही किया जा रहा था और मृत भैंस की गंदी दुर्गंध से बीमारी होने का अंदेशा भी सता रहा था। मृत भैंस की दुर्गंध एवं उसे दफनाये नही जाने से परेशान वार्डवासियों ने शनिवार की रात ११ बजे थाने में लिखित शिकायत कर ललकू बाहेश्वर के मकान के मृत भैंस को दफन करवाने एवं मवेशी मालिक पर वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की थी। वार्डवासियों के विरोध एवं थाने में लिखित शिकायत करने के बाद तीसरे दिन १८ सितंबर को सुबह ८.३० बजे ललकू बाहेश्वर के द्वारा तीन दिन से मृत भैंस को दफनाया गया है जिसके बाद से वार्डवासियों को गंदी भरी दुर्गंध से निजात मिली है।
चर्चा में श्रीमती लाजवंती कुसमारे ने बताया कि ललकू बाहेश्वर के घर की भैंस की मौत १६ सितंबर को दोपहर ३ बजे हुई है परन्तु उनके द्वारा उसे दफनाया नही गया था जिसकी दुर्गंध आने के बाद शनिवार की रात ८ बजे जानकारी लगी जिसके बाद उनसे कहा गया कि मृत भैंस को दफनाये परन्तु उन्होने कोई ध्यान नही दिया और मृत भैंस की दुर्गंध से वार्डवासी खासा परेशान थे और उसकी दुर्गंध से बीमारी होने का भी डर सता रहा था।
चर्चा में वार्ड नं. १३ पंच भूपेन्द्र कुमरे ने बताया कि ललकू बाहेश्वर के घर की भैंस शुक्रवार को दोपहर मर चुकी है परन्तु उसे दफनाया नही गया था जिसकी शिकायत थाने में की गई थी जिसके बाद १८ सितंबर को सुबह ललकू बाहेश्वर के द्वारा मृत भैंस को दफना दिया गया है।
दूरभाष पर चर्चा में पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश कुसरे ने बताया कि पशुओं में नई बीमारी लंपी होने की जानकारी समाचार पत्रों में देखने व सुनने में मिला है परन्तु लालबर्रा सहित जिले में एक भी केस नही आये है परन्तु पशु पालकों सावधानी रखते हुए अपने-अपने मवेशियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए एवं लंपी बीमारी को लेकर पशु चिकित्सा विभाग भी अलर्ट है।










































