वैश्विक बाजार में अभी सप्लाई चेन पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो पाई है। इसका असर भारतीय विमानन क्षेत्र पर सबसे ज्यादा दिख रहा है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी इंडिगो ने बताया है कि उसके 30 से अधिक विमान मेंटेनेंस के अभाव में उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इसका असर देश के कई राज्यों में जाने वाली उड़ानों पर हो रहा। स्थिति यह है कि खुद का विमान होने के बावजूद कंपनी लीज और किराये पर एयरक्रॉफ्ट लेने पर विचार कर रही हैं।
इंडिगो ही नहीं, देश की अन्य एयरलाइंस कंपनियों के भी दर्जनों विमान मेंटीनेंस के अभाव में खड़े हैं। उनके लिए जरूरी उपकरण ग्लोबल मार्केट में नहीं मिल पा रहे हैं। इंडिगो ने बताया कि सप्लाई चेन में दिक्कत की वजह से उसके 30 विमान खड़े हैं और अब वह लीज या किराए पर एयरक्रॉफ्ट लेने पर विचार कर रही है, ताकि जरूरी उड़ानों को संचालित किया जा सके। इंडिगो न सिर्फ देश में सबसे सस्ती विमान सेवा देने वाली कंपनी है, बल्कि रोजाना उड़ानों की संख्या के मामले में यह दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी एयरलाइंस भी है। इसके बेड़े में 279 विमान हैं और कंपनी रोजाना 26 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन सहित 100 जगहों के लिए 1,600 उड़ानों का संचालन करती है। इंडिगो के प्रवक्ता ने बताया कि उपकरणों के अभाव में अभी करीब 30 एयरक्राफ्ट उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।
विमानन क्षेत्र की परामर्श फर्म कापा का कहना है कि भारत में सिर्फ इंडिगो ही नहीं अन्य कंपनियों के भी मिलाकर कुल 75 विमान अभी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इन विमानों में मेंटीनेंस और इंजन संबंधी दिक्कतें हैं। यह संख्या भारत में उड़ान भरने वाले कुल विमानों की संख्या का करीब 10 से 12 फीसदी है। इस कारण कंपनियों की कमाई पर तो असर पड़ेगा ही, पर्याप्त संख्या में उड़ानें नहीं होने से यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही किराये में भी वृद्धि हो सकती है। भारतीय विमानन क्षेत्र में कंपनी की हिस्सेदारी करीब 57 फीसदी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके विमानों की खराबी यात्रियों पर कितना असर डाल सकती है।
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि हम अपने ग्राहकों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लीज पर विमान लेने की तैयारी में हैं। साथ ही उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनियों से भी संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में पैदा हो रहे अवसरों का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। हम जल्दी ही इस समस्या से निजात पा जाएंगे।