बीते एक पखवाड़े पूर्व फूटी नहर का मरम्मती कार्य प्रारंभ न होने से किसानों में आक्रोश व्याप्त है। किसानों का कहना है की उन्हे रबी की फसल लगाने में पानी की आवश्यकता पड़ रही है। ऐसे में विभाग की लापरवाही की वजह से वे फसल जिसमें गेहूॅ, चना सहित अन्य फसलें शामिल है जो वे लगा नही पा रहे है। जिससे गेहूॅ व चना की फसल में फर्क पडऩा लाजमी नजर आ रहा है। गौरतलब है की वारासिवनी रामपायली मार्ग स्थित ग्राम मेहंदीवाड़ा के समीपस्थ बहने वाली चंदन नदी के ऊपर बनी नहर ४ जनवरी को फूटी थी। यह नहर गोटाडोल नदी के छोर पर बनी कर्बला शरीफ मजार के ऊपर से अचानक फूट गई। जिसके कारण नहर में भरकर जा रहा लाखों लीटर पानी बेहिसाब तरीके से बहने लगा जिसने नहर के नीचे बने कर्बला शरीफ मजार सहित नहर की दीवार को पूरी तरह तहस.नहस कर दिया।
ब्रिटिश शासन काल में बनी है नहर
विदित हो कि यह नहर अंग्रेजो के जमाने ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजो के द्वारा बनाई गई थी जो समय पर मरम्मत न होने के कारण फूटना बताया जा रहा है। हालांकि विभाग ने समय समय पर थूॅक पालिस जैसा मरम्मती कार्य कर अपनी इतिश्री ही की है।
रखरखाव के अभाव के कारण फूटी
यहां यह बताना लाजमी है कि उक्त नहर का निर्माण ब्रिटिश शासन काल में सिंचाई परियोजना के रूप में किया गया था और चंदन नदी पर पुलिया ना होने के दौरान लोग इसी के ऊपर से वारासिवनी आना.जाना करते थे। वहीं उक्त स्थान पर मजार व ग्रामीणों के खेत स्थित है। यदि यह नहर दूसरे स्थान से फूट जाती तो बड़ी दुर्घटना के साथ त्रासदी हो सकती थी। नहर का लाइनिंग कार्य बीते कुछ वर्ष पूर्व ही किया गया है जिसके बाद इस प्रकार की घटना गुणवत्ता पर सवाल उठा रही है।
नहर से लंबे समय से हा रहा था सीपेज
जिस स्थान से नहर फूटा है वहां पर पूर्व में कुछ वर्षों से सीपेज की दिक्कत थी जिसको लेकर मजार में आने वाले श्रद्धालुओं के द्वारा इसकी शिकायत सिंचाई विभाग को की गई थी। जिसको लेकर अलग.अलग समय में सिंचाई विभाग के द्वारा उक्त स्थान का निरिक्षण भी किया गया किंतु मरम्मत के नाम पर कुछ नहीं किया गया। जिसका परिणाम रहा कि पानी के बहाव की गति को किनारा संभाल नहीं पाया और नहर फूट गई।
अंग्रेजो ने हमारे जन्म के पहले बनाई थी नहर – पूरनलाल
पदमेश से चर्चा में ग्रामीण पूरन लाल परते ने बताया की नहर को फूटे करीब १२ से १३ दिवस हो गये है मगर विभाग ने अभी तक इसका मरम्मती कार्य प्रारंभ नही किया है। जिसकी वजह से जहां एक और नहर बंद है तो दूसरी और हमारे कृषि कार्य भी ठप्प पड़े हुये है। वर्तमान में हमारे द्वारा लगाई गई रबी की फसल के लिये पानी की खासी आवश्यकता है। मगर नहर के फूटने से हमें पानी नही मिल पा रहा है। ऐसे में फसल पानी अभाव के चलते सूखने की पूरी संभावना बनी हुई है। विभाग तत्काल सुधार कार्य कर नहर का पानी लोगों के खेतों तक पहुंचाने का कार्य करें।
विभाग की घोर लापरवाही- लक्ष्मीचंद
कृषक लक्ष्मीचंद ने पद्मेश को बताया की उक्त स्थान पर पहले से ही सीपेज था जिसकी अनेकों बार शिकायत पर अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण भी किया गया परंतु किसी प्रकार का मरम्मत कार्य नहीं किया गया और अब भी सिंचाई विभाग मरम्मत की तरफ कोई ध्यान नही दे रहा है जिससे ग्रामीणों के साथ उनकी फसल को पानी नही मिल पा रहा है। श्री बिसेन ने बताया की यह टूढ़ी बाई तट नहर है जिसका पानी खैरलांजी तक जाता है। नहर की मरम्मत समय समय पर की जाती तो आज नहर की यह हालत नही होती।
इनका कहना है –
इस मामलें में अनुविभागीय अधिकारी सिंचाई विभाग एचआर ठाकरे सेे दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होने बताया की उक्त नहर के निर्माण व मरम्मत के लिये प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। नहर का कार्य जल्द प्रारंभ कर दिया जायेगा। वर्तमान में किसानों की समस्या को देखते हुये राजीव सागर परियोजना की नहर के माध्यम से किसानों को पानी उपलब्ध कराया जायेगा।