मोबाइल नहीं दिया तो चाकू से हमलाकर दिया, सत्र न्यायालय ने सुनाई सात साल की सजा

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 मोबाइल नहीं देने जैसे मामूली बात पर जानलेवा हमला करने वाले हमलावर को सत्र न्यायालय ने सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपित पर अर्थदंड भी लगाया। सरकारी वकील ने कोर्ट में तर्क रखा कि आरोपित ने मामूली बात को लेकर जानलेवा हमला किया था। फरियादी की जान भी जा सकती थी। आरोपित को कठोर से कठोर सजा दी जाना चाहिए ताकि समाज में अच्छा संदेश जाए।

वारदात करीब सात साल पुरानी है। फरियादी रिंकू और आरोपित शिवा पुत्र ओमप्रकाश सूर्यवंशी निवासी महाराणा प्रताप नगर इंदौर राजबाड़ा स्थित एक रेडिमेड कारखाने में काम करते थे। दोनों साथ ही आना-जाना भी करते थे। आठ मई 2014 को काम खत्म करने के बाद फरियादी रिंकू कारखाने से घर लौटने की तैयारी कर रहा था। इस दौरान आरोपित शिवा वहां पहुंचा और उसका मोबाइल देखने लगा। रिंकू ने उसे ऐसा करने से रोका और कहा कि मुझे जरूरी काम से घर जाना है। मुझे मेरा मोबाइल लौटा दो। इस बात को लेकर फरियादी और आरोपित के बीच विवाद हो गया।

अतिरिक्त लोक अभियोजक दीपमाला राजपूत ने बताया कि विवाद के बाद फरियादी रिंकू घर लौट रहा था कि वाल्मिकी नगर में आरोपित शिवा ने उस पर चाकू से हमला कर दिया। रिंकू को गंभीर चोंटें आई। उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस बाणगंगा ने आरोपित शिवा को गिरफ्तार कर लिया। अभियोजन की तरफ से प्रकरण में 15 गवाहों के बयान करवाए गए। सत्र न्यायाधीश आरआर चौबे ने आरोपित शिवा सूर्यवंशी को जानलेवा हमला करने के आरोप में सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

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